मोतिहारी: बिहार सरकार ने वैसे तो ऱाज्य शराबबंदी कानून बनाया हुआ है। और इसको को सफल बनाने के लिए सरकार भले ही एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हो लेकिन सरकारी कर्मचारी ही इस कानून की धज्जियां उड़ाने में कोई कसार नहीं छोड़ रहे हैं
ऐसा ही मामला पूर्वी चंपारण जिले के जिला अधिकारी कार्यालय में देखने को मिला, जहां कार्यालय बंद होने के बाद जिला अधिकारी ने दो सरकारी कर्मचारियों सहित तीन को शराब पीते रंगे हाथ पकड़ा. इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस दौरान एक कर्मचारी भागने में सफल रहां उत्पाद विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि कार्यालय बंद होने के बाद शुक्रवार शाम कार्यालय के एक कमरे में कुछ कर्मचारी शराब की पार्टी कर रहे थे. इसकी भनक जिलाधिकारी रमन कुमार को लग गई. जिलाधिकारी ने इसकी सूचना उत्पाद विभाग को दी. इसके बाद जिलाधिकारी ने खुद मौके पर पहुंचकर 3 लोगों को शराब पीते रंगे हाथ पकड़ लिया. हालांकि, एक भागने में सफल रहा.
टिप्पणियांगिरफ्तार कर्मचारियों में राजस्व कर्मचारी मनोज कुमार, कर्मचारी संजय कुमार और सुनील कुमार हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि इस मामले में कार्रवाई की गई है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि शराब पीने वाले सभी कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी. उल्लेखनीय है कि बिहार में दो साल से पूर्ण शराबबंदी लागू है. मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक-2016 में कड़े सजा के प्रावधान किए गए हैं. इसके तहत पांच साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और नशे में पकड़े जाने पर न्यूनतम एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक आर्थिक दंड का प्रावधान हैं.