केंद्र की मोदी सरकार ने 70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर एक साथ तीन भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान किया। इन तीनों में जनसंघ के प्रमुख नेता व सामाजिक कार्यकर्ता रहे नानाजी देशमुख और बीजेपी के टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके दिवंगत संगीतकार भूपेन हजारिका के साथ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का नाम भी शामिल है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी से जुड़े इन तीनों लोगों को भारत रत्न दिए जाने पर आम आदमी पार्टी (आप) ने सवाल खड़े किए हैं। आप नेता संजय सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार और आरएसएस को पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न आरएसएस की तारीफ़ करने के दिया गया है।

आप नेता ने ट्वीट कर कहा है, ‘नेता जी सुभाष चन्द्र बोस, शहीदे आज़म भगत सिंह, डॉ. राम मनोहर लोहिया, स्व. ध्यानचंद को आज तक भारत रत्न नही, नानाजी देशमुख, भूपेन हज़ारिका और AAP के 20 विधायकों की सदस्यता रद करने का मामला आगे बढ़ाने वाले संघ के प्रशंसक प्रणव दा को भारत रत्न।’
एक अन्य ट्वीट में आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘भाजपा की भारत रत्न योजना ‘एक बार संघ की शाखा में जाओ भारत का रत्न बन जाओ’ मज़ाक़ बना दिया भारत रत्न का।’
लोकसभा चुनाव से पहले एक साथ तीन भारत रत्न दिए जाने के फैसले को राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है। खासकर प्रणब दा का चयन चौंकाने वाला है।

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जून 2018 के दौरान नागपुर में आयोजित आरएसएस के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इस पर कांग्रेस के कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी।
ग़ौरतलब है कि इससे पहले भारत रत्न अंतिम बार 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को दिया गया था। देश में अब तक 45 हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। शुक्रवार की घोषणा के बाद इनकी संख्या 48 हो गई है।