मोदी सरकार के रोज़गार मुहैय्या कराने के दावों के बीच लेबर ब्यूरो स्टेटिस्टिक्स (एलबीएस) की रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया है कि भारत भारत विश्व में सबसे ज़्यादा बेरोज़गार लोगों का देश बन गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में सबसे ज़्यादा बेरोजगार लोग भारत में रहते हैं।
इसके साथ ही रिपोर्ट के ज़रिए यह बात भी सामने आई है कि सम्मिलित विकास के मामले में भारत विश्व में 60वें नंबर पर है। जो कि पड़ोसी देशों के मुकाबले कहीं ज़्यादा पीछे है। देश में असमानता बढ़ती जा रही है। बेरोज़गारी को भारत की सबसे बड़ी चुनौती बताया है। ये भी कहा गया है कि भारत में स्वयं रोज़गार सृजन भी घट रहा है।
गौरतलब है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद बेरोज़गारी बहुत तेज़ी से बढ़ी है। एक तरफ देश में बेरोज़गारी और असमानता बढ़ रही है। वहीं देश की अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। व्यापर की आसानी में भी हमारा कद बढ़ा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यह जो विकास हुआ है वो किसके लिए हुआ है।
जब महंगाई बढ़ रही है। निचले तबके के पास संसाधन घट रहे हैं। बेरोज़गारी से युवा परेशान हैं तो ये विकास किसका है। इससे ज़ाहिर है कि भारत एक पूंजीवाद मॉडल बनता जा रहा है। गौरतलब है कि भारत में 58% संपत्ति के मालिक केवल एक प्रतिशत लोग हैं। वैश्विक स्तर पर ये आकड़ा 50% है। मतलब विश्व में सबसे ज़्यादा असमानता भारत में ही है
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