दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर तीन दिन से ‘धरने’ पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है, “मैं दिल्ली की जनता के लिए उन लोगों के खिलाफ लड़ रहा हूं, जिन्होंने सार्वजनिक सेवाएं बंद कर दी हैं… आप कह सकते हैं कि यह धरना उन लोगों के खिलाफ मेरा सर्जिकल स्ट्राइक है, जो दिल्ली के मतदाताओं को दंडित करना चाहते हैं…”
वह अपने डिप्टी मनीष सिसोदिया, अपने दो मंत्रियों सत्येंद्र जैन (जो अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं) तथा गोपाल राय के साथ दो रात बिता चुके हैं. उनका कहना है कि वे तब तक नहीं लौटेंगे, जब तक उपराज्यपाल उनकी मांगें नहीं मान लेते हैं.
अरविंद केजरीवाल का उपराज्यपाल अनिल बैजल के खिलाफ किया जा रहा यह विरोध प्रदर्शन देश के लोकतांत्रिक इतिहास में अपनी तरह का पहला अवसर है, जो काफी लम्बा चलने वाला लग रहा है.
मुख्यमंत्री सहित कुल सात मंत्रियों वाली दिल्ली सरकार कहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उपराज्यपाल तथा नौकरशाहों को इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केजरीवाल काम नहीं कर पाएं. सरकार का आरोप है कि नौकरशाह काम पर नहीं आ रहे हैं, और फरवरी माह से ही अघोषित हड़ताल पर हैं, जब एक वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा था कि उन पर केजरीवाल की पार्टी के विधायकों ने मुख्यमंत्री आवास पर आधी रात को हुई एक बैठक के दौरान हमला किया था.