कठुआ गैंगरेप/हत्या मामले में जांचकर्ताओं का मानना है कि गिरफ्तार 15 साल का नाबालिग मासूम बच्ची की हत्या करने में सबसे आगे था. जांचकर्ताओं का कहना है कि बीते कुछ समय से आरोपी नाबालिग के मन में मुस्लिम गुज्जर समुदाय के प्रति नफरत पैदा हो गई थी. हालांकि आरोपी नाबालिग की मां का कहना है कि उसका बेटा निर्दोष है और वह मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं.
आरोपी नाबालिग की मां ने बताया कि उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ गुज्जरों के घर के पास ‘खा-पी’ रहे थे. तभी गुज्जरों ने उनके साथ मारपीट की थी. इतना ही नहीं इसके बाद गुज्जरों ने उनके बेटे के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी.
आरोपी की मां भी चाहती थी कि पुलिस उसके बेटे को डांटे ताकि वह सही राह पर आ जाए. यही सोचकर मां अपने बेटे को लेकर पुलिस थाने भी गई थी. जांच अधिकारियों ने बताया कि उसी मारपीट के बाद से आरोपी नाबालिग के मन में गुज्जरों के प्रति नफरत पैदा हो गया था.
चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी नाबालिग ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर 8 साल की मासूम बच्ची को किडनैप कर लिया. किडनैप कर वे बच्ची को एक मंदिर में ले गए और कई दिनों तक रेप करते रहे.
पीड़िता के पिता ने 12 जनवरी को हीरानगर पुलिस स्टेशन में अपने बच्ची के लापता होने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया था कि उनकी 8 वर्षीय बच्ची 10 जनवरी को घोड़ों को चराने के लिए गई, तबसे वापस नहीं लौटी.
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके बच्ची की तलाश शुरू कर दी. 17 जनवरी को लापता बच्ची का शव जंगल के पास से बरामद किया गया था.