अंग्रेजी और मराठी के प्रख्यात साहित्यकार किरण नागरकर का गुरुवार देर शाम को मुंबई में निधन हो गया। वह 77 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि इस सप्ताह की शुरुआत में उन्हें एक गंभीर ब्रेन हैमरेज हुआ था, जिसके बाद से उनका मुंबई के अस्पताल में इलाज चल रहा था।
अंग्रेजी उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किरण नागरकर आधुनिक भारतीय साहित्य के एक प्रमुख हस्ताक्षर माने जाते हैं। उन्होंने अंग्रेजी और मराठी में 8 उपन्यास लिखे, जिनमें ककोल्ड और बेडटाइम स्टोरीज जैसी रचनाएं भी शामिल हैं।
साल 1942 में मुंबई में पैदा हुए नागरकर का पहला उपन्यास 32 साल की उम्र में 1974 में मराठी भाषा में ‘साट सक्कम त्रेचलिस’ प्रकाशित हुआ था। साल 2019 में ही ‘द आर्सेनिस्ट’ नाम से मराठी में उनका उपन्यास प्रकाशित हुआ था, जो काफी चर्चित हुआ। बाद में इसका अंग्रेजी में अनुवाद भी हुआ। एक शिक्षाविद, पत्रकार, पटकथा लेखक और साहित्यकार किरण नागरकर ने बच्चों के लिए भी कई नाटक और स्क्रीनप्ले लिखे। उन्होंने विज्ञापन इंडस्ट्री के लिए भी काफी लिखा।
अंग्रेजी में नवीनतम सात उपन्यासों के अलावा, द आर्सेनिस्ट, मराठी में 2019 में प्रकाशित किया गया था (बाद में अंग्रेजी में अनुवादित)। नागरकर ने बच्चों के लिए नाटक, स्क्रीनप्ले और काम भी लिखे। उन्होंने एक अकादमिक, एक पत्रकार, एक पटकथा लेखक के रूप में काम किया, और विज्ञापन इंडस्ट्रीज के भी लिखा है।
बता दें कि मीटू मूवमेंट के समय किरण नागरकर पर तीन महिला पत्रकारों ने अनुचित यौन व्यवहार का आरोप लगाया गया था। हालांकि नागरकर ने आरोपों का जोरदार खंडन किया था।