रविवार, जून 15, 2025
  • इंग्लिश
  • उर्दू
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
  • करियर
  • विज्ञापन
  • गोपनीयता नीति
इंग्लिश
उर्दू
विज़न मुस्लिम टुडे
  • मुख्य पृष्ठ
  • भारतीय
  • विदेश
  • संपादकीय
  • साक्षात्कार
  • खेल
  • अर्थव्यवस्था
  • फैक्ट चेक
  • शिक्षा
  • सिनेमा
No Result
View All Result
  • मुख्य पृष्ठ
  • भारतीय
  • विदेश
  • संपादकीय
  • साक्षात्कार
  • खेल
  • अर्थव्यवस्था
  • फैक्ट चेक
  • शिक्षा
  • सिनेमा
No Result
View All Result
विज़न मुस्लिम टुडे
No Result
View All Result
Home स्तंभ

असम की सरकार मदरसों के विरोध में क्यों है?

Muslim Today by Muslim Today
अगस्त 7, 2022
in स्तंभ
0 0
0
असम की सरकार मदरसों के विरोध में क्यों है?
0
SHARES
19
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

प्रभाकर मणि तिवारीपूर्वोत्तर राज्य असम में राज्य सरकार ने सरकारी सहायता से चलने वाले करीब आठ सौ मदरसों को बंद करने का फैसला किया था. सरकार को अब तक इन मदरसों के संचालन के लिए हर साल 262 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे थे. हालांकि आल इंडिया डेमोक्रेटिक फ्रंट ((एआईयूडीएफ) के प्रमुख और मशहूर इत्र कारोबारी बदरुद्दीन अजमल की अध्यक्षता वाले एक संगठन के बैनर तले राज्य में लगभग एक हजार निजी मदरसे अब भी चल रहे हैं.

हाल में ऐसे कुछ मदरसों के संबंध आतंकवादी संगठनों से होने की जानकारी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने आतंकवादी गतिविधियों को पनाह देने वाले ऐसे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई और तमाम मदरसों के नियमन की बात कही है. इसी सप्ताह अल-कायदा से जुड़े अंसार-उल-इस्लाम की ओर से संचालित एक मदरसे को बुलडोजर से ढहा दिया गया था. इस मामले में मुफ्ती मुस्तफा नाम के एक आतंकी को गिरफ्तार किया भी किया गया है. उसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा है कि असम इस्लामी कट्टरपंथियों का अड्डा बनता जा रहा है.

मदरसे पर विवाद का ताजा मामला

पुलिस ने असम के मोरीगांव जिले में मुस्तफा उर्फ मुफ्ती मुस्तफा की ओर से संचालित जमीउल हुदा मदरसा ढहा दिया गया. मोरीगांव जिले की पुलिस अधीक्षक अपर्णा एन ने बताया कि मुस्तफा का यह मदरसा मोइराबाड़ी इलाके में था. इसका संचालन मुफ्ती मुस्तफा अवैध तरीके से कर रहा था. यह वही मुफ्ती मुस्तफा है, जिसे हाल ही में पुलिस ने जेहादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस मदरसे में 43 छात्र पढ़ रहे थे, जो कि अब अलग-अलग स्कूलों में दाखिल हैं. मुस्तफा उर्फ मुफ्ती मुस्तफा को 2017 में भोपाल से इस्लामिक कानून में डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी.

हाल में ऐसे कई मदरसों से 28 संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद अब सरकार राज्य के करीब एक हजार निजी मदरसों पर नकेल कसने की तैयारी में है. असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु कहते हैं, “हम ब्यौरा जुटा रहे हैं और इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या निजी मदरसों में कुछ नियमों के आधार पर वहां आधुनिक शिक्षा प्रणाली लागू करने का निर्देश दे सकते हैं.”

निजी मदरसों की तादाद बढ़ी

असम में सरकार ने सरकारी सहायता वाले मदरसों को भले कानूनी तौर पर बंद कर दिया है लेकिन, निजी मदरसों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. ऑल असम तंजीम मदारिस कौमिया की स्थापना 1955 में ना केवल मदरसे शुरू करने बल्कि उनकी प्रशासनिक और शैक्षणिक प्रक्रियाओं को दुरुस्त रखने के मकसद से की गई थी. इसे पहले मदारिस-ए क्वामिया के नाम से जाना जाता था, वर्ष 1982 में इसे मौजूदा नाम मिला. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता बदरुद्दीन अजमल बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं.

हाल के दिनों में कई मदरसों के संबंध आतंकियों से होने की खबरें सामने आने और दो दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी  के बाद अहब निजी मदरसों पर शक की तलवार लटकने लगी है. राज्य सरकार और पुलिस के साथ ही मुस्लिम संगठनों ने भी निजी मदरसों की तेजी से बढ़ती तादाद पर गंभीर चिंता जताई है. मुख्यमंत्री कहते हैं, हमने सरकारी मदरसों को तो बंद कर दिया है लेकिन राज्य में कई कौमी मदरसे हैं. नागरिकों और अभिभावकों को इन मदरसों पर नजर रखनी चाहिए और वहां किस तरह के विषय पढ़ाए जाते हैं.

कुछ मुस्लिम नेताओं ने भी निजी मदरसों के यूं बढ़ने को लेकर चिंतित हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारी समिति के सदस्य एडवोकेट हाफिज राशिद चौधरी के अनुसार मदरसों की गतिविधियों और कार्यों की निगरानी के लिए एक नियामक एजेंसी की आवश्यकता है. चौधरी कहते हैं, “मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ अंग्रेजी, इतिहास और सामाजिक अध्ययन जैसी आधुनिक शिक्षा को भी शामिल करने की जरूरत है. राष्ट्र की अखंडता को मजबूत करने के लिए तुलनात्मक धर्म पर एक विषय का भी अध्ययन किया जाना चाहिए.”

ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन के प्रमुख रेजाउल करीम सरकार ने मदरसों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि पर चिंता जताते हुए कहा है कि ज्यादातर मदरसे अपने मौलिक लक्ष्यों पर खरा उतरने में नाकाम रहे हैं. वह कहते हैं, “हमें मदरसों की जरूरत है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह संस्थान हर जगह फैलने लगें. ऐसे मदरसे भले ही एक अच्छा छात्र नहीं पैदा कर सकते, लेकिन कई अन्य गतिविधियों में सक्रिय हैं. ” मौलाना अब्दुल कादिर कासमी ने भी कहा है कि जरूरत से ज्यादा मदरसे पहले से ही हैं.

मदरसों को कहां से मिलते हैं पैसे 

आखिर इन मदरसों के संचालन के लिए धन कहां से मिलता है. इस बारे में कोई ठोस राय नहीं है. डीडब्ल्यू ने इस बारे में कई संगठनों और लोगो से बातचीत की. उनकी टिप्पणी का सार यह है कि निजी मदरसों को दो तरह के लोगों से पैसे मिलते हैं. कुछ लोगों का कहना है कि मदरसों में निवेश सऊदी अरब और वहां स्थित कुछ सामाजिक संस्थानों से चंदा या आर्थिक सहायता मिलती है. कुछ लोग बताते हैं कि इन मदरसों का संचालन जकात और दान में मिले पैसों से किया जाता है.

हर मुस्लिम व्यक्ति अपनी आय का कुछ प्रतिशत हिस्सा जकात या दान करता है और इन पैसों का एक हिस्सा मदरसों को भी दिया जाता है. पुलिस के एक अधिकारी नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं, कई मदरसों को आतंकी संगठनों से काफी पैसे मिलते हैं. उन मदरसों का इस्तेमाल संबंधित संगठनों के सदस्यों की ट्रेनिंग और वहां उनके रहने-खाने पर किया जाता है. बांग्लादेश के कई संगठनों का नाम भी इस मामले में सामने आया है.

असम सरकार ने वर्ष 2020 के आखिर में सरकारी सहायता से चलने वाले मदरसों और सांस्कृतिक स्कूलों को बंद करने का फैसला किया था तो खासकर मदरसों के मुद्दे पर इस फैसले का काफी विरोध हुआ था. कई संगठनों ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी थी. हालांकि हाईकोर्ट ने सरकारी आदेश बहाल रखा. उसी आधार पर बीते साल पहली अप्रैल से ऐसे तमाम मदरसे बंद कर दिए गए. अब उनको सामान्य स्कूलों में बदलने की प्रक्रिया चल रही है.

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा इस फैसले के समय राज्य के शिक्षा मंत्री थे. सरमा के मुताबिक वे चाहते हैं कि राज्य के मुसलमान मदरसों में जाने की बजाय डॉक्टर-इंजीनियर बनें और समाज की बेहतरी की दिशा में काम करें. इस फैसले से लोग खुश हैं. उनका कहना है, “एक मदरसे में जब उन्होंने कुछ छात्रों से पूछा कि वे पढ़-लिख कर क्या बनना चाहते हैं तो उनका जवाब था, डॉक्टर. इस पर मैंने कहा कि  तुम लोग गलत जगह आ गए हो. यहां तो मौलवी बनते हैं. इसलिए बच्चों की राय के आधार पर ही मदरसों को सामान्य स्कूल में बदलने का फैसला किया. मैंने कौम की भलाई के लिए मदरसा बंद किया.”

हालांकि सरकार के फैसले का विरोध भी हो रहा है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नेता मौलाना फजल-उल-करीम कहते हैं, “यह सच नहीं है कि मदरसों में सिर्फ धार्मिक शिक्षा ही दी जाती है. वहां इस्लामिक शिक्षाओं के साथ एक विदेशी भाषा के रूप में अरबी पढ़ाई जाती है. इससे कई छात्रों को डॉक्टर और इंजीनियर बनने में सहायता मिलती है. वह लोग मध्य पूर्व के देशों में रोजगार हासिल करते हैं.”

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीते साल हिमंता बिस्वा सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकार ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाया है. अब निजी मदरसों के खिलाफ प्रस्तावित कार्रवाई को भी इसी रवैए से जोड़ कर देखा जा रहा है.

 

यह लेखक की निजी विचार हैं

 

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Previous Post

आंकड़े बताते हैं यूपी में सबसे ज्यादा मौतें हिरासत में

Next Post

बीजेपी ने शाहनवाज, रविशंकर प्रसाद को दिल्ली बुलाया, बिहार में नीतीश बदलेंगे सरकार ?

Next Post
बीजेपी ने शाहनवाज, रविशंकर प्रसाद को दिल्ली बुलाया, बिहार में नीतीश बदलेंगे सरकार ?

बीजेपी ने शाहनवाज, रविशंकर प्रसाद को दिल्ली बुलाया, बिहार में नीतीश बदलेंगे सरकार ?

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 24, 2024

पहले चरण का फीडबैक बीजेपी के लिए चिंता का सबब | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 23, 2024
इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

अप्रैल 21, 2024

Our channel

https://www.youtube.com/watch?v=QnB3waJ7Awg
  • Trending
  • Comments
  • Latest
50 मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानी, जिनके साथ इतिहास ने किया धोखा !

50 मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानी, जिनके साथ इतिहास ने किया धोखा !

अगस्त 15, 2018
बिना कपड़े के लड़की से मालिश करवाते हुए दिखे स्वामी चिन्मयानंद, वीडियो वायरल

बिना कपड़े के लड़की से मालिश करवाते हुए दिखे स्वामी चिन्मयानंद, वीडियो वायरल

सितम्बर 11, 2019
सांसद संघमित्रा मौर्य ने पति डॉ. नवल किशोर शाक्य से ली तलाक

सांसद संघमित्रा मौर्य ने पति डॉ. नवल किशोर शाक्य से ली तलाक

मार्च 2, 2021
इमरान प्रतापगढ़ी के पहल पर झारखंड सरकार ने ड्राफ्ट किया मॉब लिंचिंग कानून 

इमरान प्रतापगढ़ी के पहल पर झारखंड सरकार ने ड्राफ्ट किया मॉब लिंचिंग कानून 

दिसम्बर 14, 2021
मोदी सरकार अपने चहेते उद्यगपतियों के लिए एक लाख करोड़ बैंकों में डाल रही है!

आज़ादी के बाद से अयोध्या का इतिहास झूठ से रचा गया है: रवीश कुमार

528
महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में 360 लोगों पर केस, 15 गिरफ्तार : बिहार

महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में 360 लोगों पर केस, 15 गिरफ्तार : बिहार

13
ईलाज कराकर लंदन से वापस लौटे अभिनेता इरफान खान

ईलाज कराकर लंदन से वापस लौटे अभिनेता इरफान खान

11
काले हिरण मामले में 5 साल की सजा के बाद सलमान खान को मिली विदेश जाने की इजाजत

काले हिरण मामले में 5 साल की सजा के बाद सलमान खान को मिली विदेश जाने की इजाजत

10
जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 24, 2024

पहले चरण का फीडबैक बीजेपी के लिए चिंता का सबब | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 23, 2024
इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

अप्रैल 21, 2024
जामिया की नौशीन ने UPSC में नौवां स्थान प्राप्त किया | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जामिया की नौशीन ने UPSC में नौवां स्थान प्राप्त किया | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

अप्रैल 17, 2024
Currently Playing

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जौनपुर के त्रिकोणीय लड़ाई में कौन मारेगा बाजी? | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

Uncategorized

पहले चरण का फीडबैक बीजेपी के लिए चिंता का सबब | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

Uncategorized
इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का साइलेंट होना, बड़े उलटफेर का संकेत दे रहा है

Uncategorized
जामिया की नौशीन ने UPSC में नौवां स्थान प्राप्त किया | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

जामिया की नौशीन ने UPSC में नौवां स्थान प्राप्त किया | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

Uncategorized
क्या राजस्थान के सीकर लोकसभा सीट से कॉमरेड अमराराम की होगी जीत | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

क्या राजस्थान के सीकर लोकसभा सीट से कॉमरेड अमराराम की होगी जीत | आग़ा खुर्शीद खान। मुस्लिम टुडे

Uncategorized

टैग्स

#aamAadmiParty (21) #AamAdmiParty (28) #AAP (39) #adeshGupta (15) #BjpDelhi (38) #BJP Government (127) #BOLLYWOOD (40) #Congress (123) #Covid19 (14) #delhi (203) #delhinews (17) #JamiaMilliaIslamia (19) #KEJRIVAL (16) #kisan andolan (18) #Maharashtra (42) #modi (62) #mumbai (21) #newstoday (33) #PM Modi (115) #PriyankaGandhivadra #CongressParty #RahulGandhi (25) #Rahul Gandhi (39) #yogi (13) AMERICA (14) Amit Shah (18) ARVIND KEJRIVAL (41) Bihar (46) BJP (165) coronavirus (156) Hindi News (447) India (418) Kejriwal (20) Politics (47) Ravish Kumar (15) RSS (26) Supreme Court (16) Uttar Pradesh (55) Yogi Adityanath (47) Yogi Govt (16) अखिलेश यादव (20) अमित शाह (13) उत्तर प्रदेश (95) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (15) बीजेपी (19) भाजपा (23) राहुल गांधी (17)

हमारे बारे में

विजन मुस्लिम आज वर्तमान में एक राजनीतिक पत्रिका और एम टी मीडिया वेंचर्स के एक पोर्टल, वैश्विक समाचार और हमारे अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू प्रकाशनों में मौजूदा मामलों के साथ काम कर रहा है।

श्रेणियां

  • Uncategorized (125)
  • अन्य विषय (70)
  • अर्थव्यवस्था (53)
  • इतिहास (13)
  • खेल (531)
  • देश (4,002)
  • प्रौद्योगिकी (17)
  • फैक्ट चेक (2)
  • भारतीय (3,704)
  • भारतीय मुस्लिम (189)
  • मनोरंजन (247)
  • मुद्दे (182)
  • मुस्लिम दुनिया (142)
  • राजनीति (4,111)
  • विदेश (321)
  • वीडियो (4)
  • शिक्षा (44)
  • संपादकीय (84)
  • संस्कृति (9)
  • साक्षात्कार (12)
  • सिनेमा (67)
  • स्तंभ (174)
  • इंग्लिश
  • उर्दू
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
  • करियर
  • विज्ञापन
  • गोपनीयता नीति
  • इंग्लिश
  • उर्दू
  • हमारे बारे में
  • हमसे संपर्क करें
  • करियर
  • विज्ञापन
  • गोपनीयता नीति

© 2021 Muslim Today

No Result
View All Result
  • मुख्य पृष्ठ
  • भारतीय
  • विदेश
  • संपादकीय
  • साक्षात्कार
  • खेल
  • अर्थव्यवस्था
  • फैक्ट चेक
  • शिक्षा
  • सिनेमा

© 2021 Muslim Today

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist