जीशान अहमद खान
दुनिया को शांति का नोबल पुरस्कार देने वाले देश नॉर्वे खुद एक शांतिप्रिय देश है, यहाँ आपराधिक घटनाएं भी बहुत कम होती हैं, 2015 में नॉर्वे में जारी हुए एक सरकारी आंकड़ों में बताया गया था कि 2014 में नॉर्वे पुलिस ने केवल दो फायर किये थे और उसमें भी कोई घायल नहीं हुआ था।
आज उसी देश को एक बार फिर से दक्षिणपंथ की नज़र लग गई, रिपोर्ट के मुताबिक: नॉर्वे में कई दशकों से नवनाज़ी संगठनों और दक्षिणपंथी संगठनों की गतिविधियां जारी हैं, छुट पुट हमले और ब्लास्ट आदि होते रहे हैं, अगर इस्लामी आतंकवाद को मद्दे नज़र रखते हुए नॉर्वे के संक्षिप्त इतिहास (1965 से लेकर 2019 तक) पर नज़र डालें तो वहां 99 % फ़ीसदी घटनाएं नव नाज़ी संगठनों और श्वेत दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा ही की गयीं हैं।
ये वही नॉर्वे है जहाँ 10 अगस्त 2019 को ओस्लो की अल नूर मस्जिद में न्यूज़ीलैंड का एक आतंकी हमला कर नमाज़ियों को मारने के लिए एक दक्षिणपंथी फिलिप मंशाउज ने हथियार लेकर हमला किया था, मगर एक पाकिस्तानी शख्स ने पकड़ लिया था
कुछ दिनों से पूरे दुनिया भर में सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना रहा नार्वे
आपको बता दें कि नार्वे में यहूदी और ईसाईयों द्वारा एक प्रोग्राम ओर्गनाइज् किया गया जिसमें हुक़ूमत की तरफ से पूरा सपोर्ट और सिक्योरिटी दी गयी!!
जहाँ दक्षिणपंथी संगठन SIAN (Stop the Islamisation of Norway) के ग्रुप लीडर लार्स थोर्सन ने कुरान को जलाने की नापाक कोशिश कर रहा था और भीड़ चारों तरफ से उस हरकत को देख रही थी और अचानक उस भीड़ में एक नौजवान जिसका नाम गाजी इल्यास उमर है उसने उस मैदान में सिक्योरिटी को तोड़ते हुए अंदर दाख़िल होने की जुर्रत की और इस हरक़त को करने वाले को धो डाला!!
इल्यास ग़ाज़ी ने बिना अंजाम की फ़िक्र किये ही अपना फर्ज़ पूरा किया!!
आज मुस्लिम नौजवानों के दिल की धड़कन बन चुके हैं इल्यास ग़ाज़ी ये पूरी उम्मत ए मुस्लिमा के हर शख्स को ये दिखा दिया की हमारे लिए हर समझौता हिकमत नहीं होता। इल्यास गाजी के इस बहादुरी और जज्बे को पूरी दुनिया सलाम दाज दे रही है।
पिछले तीन चार दिनों से सोशल मीडिया के हर एक प्लैटफार्म पर ट्रेंडिंग चल रहे इल्यास गाज़ी उमर इलियास नार्वे में एक सीरियन होटल में शेफ का काम करते हैं, सोशल मीडिया सेे मालूम हुआ है कि गाज़ी इलियास उमर को नार्वे पुलिस ने रिहा कर दिया है। और नार्वे की पुलिस और सरकार ने वहां कानून लागू कर दिया है कि अब कोई भी कुरआन पाक की बेहुरमती नहीं कर सकता