नई दिल्ली : अमेरिका ने तुर्की के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, अमेरिका ने तुर्की द्वारा रूसी मिसाइल प्रणाली खरीदने को लेकर यह कार्रवाई की है.
अमेरिका के इस कदम से आने वाले दिनों में तुर्की को परेशानी का सामना करना पड़ेगा, वहीं, यह संभावना भी है कि यूरोपीय यूनियन भी तुर्की के खिलाफ कुछ और ठोस कदम उठा सकती है.
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अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि रूसी S-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए अमेरिका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाए हैं.
पोम्पिओ ने कहा कि तुर्की ने नियमों को तोड़ा है, जिसकी वजह से हम प्रतिबंध लगाने को मजबूर हैं, अमेरिका ने इन प्रतिबंधों में मुख्य रूप से तुर्की की रक्षा खरीद एजेंसी प्रेजिडेंसी ऑफ डिफेंस को निशाना बनाया है.
संस्था के कई अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं, इस संस्था के जरिए ही तुर्की हथियारों की खरीद-फरोख्त और उसके विकास कार्यों की निगरानी करता है, ऐसे में अमेरिकी प्रतिबंधों से तुर्की की डिफेंस इंडस्ट्री को भारी नुकसान होने वाला है.
पोम्पिओ ने कहा कि हमारी कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि सभी को नियमों का पालन करना होगा, तुर्की एक मूल्यवान सहयोगी है और उसे समस्या का जल्द समाधान कर लेना चाहिए.
पोम्पिओ ने कहा, ‘हमने तुर्की को रूसी S-400 से अमेरिका को होने वाले खतरों के विषय में समझाया है और हम चाहते हैं कि वो हमारे साथ मिलकर इस विवाद को हल करे’.
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बता दें कि अमेरिका तुर्की के एस-400 मिसाइल सिस्टम खरीदन को लेकर काफी समय से नाराज चल रहा है, अमेरिका का कहना है कि तुर्की ने सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को खरीदकर नियम तोड़े हैं, तुर्की ने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद 2019 में की थी.
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन पर अमेरिकी प्रतिबंधों का कितना असर होगा ये देखने वाली बात होगी, क्योंकि पूर्व में वो यह साफ कर चुके हैं कि तुर्की S-400 पर कोई समझौता नहीं करेगा.
एर्दोगन ने कहा, ‘आप जो भी प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, देर ना करें, जब हमने एफ-35 की शुरुआत की तब भी आपने हमें धमकी दी थी.
अब आप कह रहे हैं कि S-400 रूस वापस भेज दो, लेकिन हम कोई कबीलाई देश नहीं हैं, हम तुर्की हैं’.