नई दिल्ली. योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद कानूनी दांवपेंच में फंसती नजर आ रही है। दरअसल पतंजलि कंपनीके दो शरबत ब्रांड पर अमेरिका नेबिक्री पर रोक लग सकती है। वहीं अमेरिकी खाद्य विभाग पतंजलि आयुर्वेद कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करने पर विचार कर रहा है। मामले में दोषी पाए जाने पर कंपनी पर करीब 3 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
दरअसल अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) के एक जांच अधिकारी मॉरीन ए वेंटजेल ने पिछले साल मई में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के हरिद्वार प्लांट की इकाई-तीन का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने पाया कि भारतीय और अमेरिकी घरेलू बाजारों में ‘बेल शर्बत’ और ‘गुलाब शर्बत’ नाम के उत्पाद पतंजलि के ब्रांड नाम से बेचे जा रहे हैं और भारतीय लेबल पर औषधीय और आहार संबंधी अतिरिक्त दावे हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पतंजलि के हरिद्वार प्लांट के जिस हिस्से में शहद बनाया जाता है वहां प्रोडक्शन इक्विपमेंट के ऊपर कबूतर उड़ रहे थे। पतंजलि ग्रुप के प्रवक्ता ने मीडिया की ओर से इस रिपोर्ट के बारे में पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।
बता दें कि अगर अमेरिका की ओर से लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं तो कंपनी के खिलाफ गलत तरीके से अपने प्रॉडक्ट बेचने के केस में पांच लाख अमरीकी डॉलर यानी 3 करोड़ रूपये तक का जुर्माना लग सकता है। इसके साथ ही कंपनी के अधिकारियों को तीन साल की सजा हो सकती है।
भारत में भी लग सकता है कंपनी के खिलाफ जुर्माना
अगर पतंजलि के खिलाफ आरोप सही पाएं गए, तो कंपनी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा और पांच लाख अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना लगा सकता है। वहीं कंपनी के अधिकारियों को तीन साल की सजा हो सकती है।वहीं अगर भारत में कंपनी को गलत ब्रांडिंग और गलत दावों के साथ प्रोडक्ट की बिक्री का दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड (FSS) एकट 2006 के तहत 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।