लखनऊ (यूपी): पीएम मोदी को बिजनौर में आयोजित जन चौपाल में शामिल होना था, लेकिन कहा गया कि खराब मौसम के कारण पीएम मोदी का हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका।
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरूआत कवि दुष्यंत कुमार की एक कविता से की, यह कविता थी, यहां तक आते आते सुख जाती हैं कई नदिया, मुझे मालूम पानी कहां ठहरा हुआ होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि 2017 से पहले विकास की नदी का पानी ठहरा हुआ था, यह पानी नकली सपा के परिवार और उनके करीबियों के घरों में ठहरा हुआ था, उन्होंने कहा कि नकली समाजवादियों को सामान्य लोगों की प्यास, गरीबों की प्यास से मतलब नहीं रहा, वो केवल अपनी प्यास बुझाते रहे, वो केवल अपनी और अपने करीबियों और उनकी तिजोरियों की प्यास बुझाते रहे।
पीएम मोदी ने कहा कि यह प्यास विकास के नदी के हर बहाव को सोख लेती है, गरीबों को घर नहीं देती, गरीब का राशन चट कर जाती है।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकार ने प्रोजेक्ट को लटकाकर कमाई की जाती थी, इससे लालफीताशाही और लेटलतीफा को ताकत मिलती ती, उन्होंने अब हर गरीब को घर मिलता है, घर देते समय किसी की जाति और पंथ नहीं पूछा जाता है, उज्जवला में जब करोडों महिलाओं को गैस के सिलेंडर दिए गए तो किसी जाति या पंथ नहीं पूछा गया।
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार और यूपी की बीजेपी सरकार अपने किसान भाइयों के सम्मान और उनका अधिकार वापस दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, पिछले पांच साल में गन्ना किसानों को डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया है, उन्होंने कहा कि इतना भुगतान तो पहले की दो सरकारों में मिलाकर नहीं किया था, उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह जी के आदर्शों को अपनाते हुए हर किसान का सम्मान, ये हमारा ध्येय है।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों में यूरिया के लिए यूपी के किसानों ने लाठियां तक खाई थीं, जिन्होंने किसानों को ये दिन दिखाए थे वे कभी किसानों का भला नहीं कर सकते हैं, वो सिर्फ किसानों को धोखा दे सकते हैं, पहले की सरकारों में गन्ने की पर्ची से लेकर गन्ना बकाए के भुगतान तक हर जगह नकली समाजवादियों का ही बोलबाला था, उन्होंने कहा कि पहले की सरकार में गेहूं की जितनी सरकारी खरीद हुई थी, योगी जी की सरकार ने उससे दोगुने से भी अधिक की खरीद की है।