उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिला सुरक्षा को लेकर चाहे कितने भी दावे की कर ले लेकिन प्रदेश में लगातार हो रहे बलात्कार और अमानवीय हो चुकी व्यवस्था कुछ और ही कहानी कहती है। हाल ही में कानपुर में हुई बलात्कार की घटना राज्य की असलियत बयान करती है।
कानपुर में एक दरिंदे ने 13 साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बना डाला। इतना ही नहीं उसके साथ बुरी तरह से मारपीट भी की गई। बच्ची को परिजनों ने गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन यहां भी राज्य की व्यवस्था अमानवीय चेहरा देखने को मिला।
नाबालिग बच्ची अस्पताल के फर्श पर घंटों पड़ी रही, लेकिन अस्पताल प्रशासन को ज़रा भी रहम नहीं आया। न तो उस मासूम को स्ट्रेचर नसीब हुआ और न ही बेड। घटना कानपुर देहात ज़िले का शिवली थाना क्षेत्र के बैरीदरयाओं गांव की है। नाबालिग को अकेला पाकर पड़ोस में रहने वाले गुड्डू ने उसके साथ बलात्कार किया|
बदहवास हालत में जब आशा आरोपी के घर पहुंची तो गुड्डू के घरवालों ने उल्टे ही मासूम आशा के साथ मारपीट शुरू कर दी। जब परिजन घर पहुंचे तो बुरी तरह से घायल आशा को नजदीकी अस्पताल में एडमिट कराया। लेकिन डॉक्टरों ने हालत नाज़ुक देख आशा को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। मामले में जिला अस्पताल के सीएम’एस डॉ पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि लड़की का इलाज किया जा रहा है। लेकिन हालत में अभी कोई सुधार नहीं है।
बता दें, कि देश के राष्ट्रपति ‘रामनाथ कोविंद’ भी इसी ज़िले से आते हैं। उसके बावजूद यहाँ कानून व्यवस्था का यह हाल है कि आंकड़े बताते हैं कि महज़ एक महीने के अंदर एक दर्जन से ज़्यादा रेप की वारदातें सामने आई हैं।