उन्नाव गैंगरेप केस के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ सीबीआई को सबूत मिल गए हैं। इस मामले की जांच कर रही CBI का कहना है कि आरोपी BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ अहम सबूत मिले हैं। जिनसे ये साबित हो रहा है कि पीड़िता द्वारा विधायक पर लगाए गए आरोप सही है।
इसके अलावा मामले में पुलिस द्वारा शुरुआत में लापरवाही बरते जाने के भी सबूत मिले हैं। सीबीआई की अब तक की जांच में सामने आया है कि पहली बार दर्ज करवाई गई FIR में पुलिस ने आरोपी विधायक का नाम शामिल ही नहीं किया था।
सीबीआई के पास जांच के लिए इस समय जो मामला है, वह आरोपी विधायक के खिलाफ चौथी FIR थी। इतना ही नहीं केस को लटकाने और आरोपी विधायक को बचाने के लिए पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराने में भी देरी की।
सीबीआई का कहना है कि फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट और घटनाक्रम को रिकंस्ट्रक्ट करने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंची है।
इसके अलावा सीबीआई ने पूरे घटनाक्रम को क्रमवार तरीके से रीकंस्ट्रक्ट भी किया। पीड़िता ने 164 के तहत दर्ज बयान में घटना का जो ब्यौरा दिया है, वह सीबीआई द्वारा घटनाक्रम के रिकंस्ट्रक्शन में सही पाया गया।
सबूतों के मिलने के बाद पीड़िता ने आरोपी विधायक सेंगर को सजा-ए-मौत देने की मांग की है। बीते दिनों पीड़िता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से उसकी और उसके परिवार को खतरा है और वह उन्नाव में रहकर इस केस को भी प्रभावित कर सकता है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए आरोपी को उन्नाव से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया है।
गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप किया था। उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी।