45 सालों बाद आई भीषण बेरोज़गारी पर तमाम नेताओं, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने #Howsthejob टैग करते हुए ट्वीटर पर लिखा- “देश को रोज़गार के झूठे आँकड़े देने वाली भाजपा सरकार की सच्चाई आज खुल गयी है जबकि पता चला है कि पिछले 45 सालों में सबसे अधिक बेरोज़गारी 2017-18 में रही है. अब ये बेरोज़गार युवा ही भाजपा को अगले चुनाव में बेरोज़गार करेंगे. #HowstheJobs” दरअसल बिजनेस स्टैंडर्ड राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय की पीएलएफएस की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017-18 में बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने इस रिपोर्ट को दिसंबर में ही मंजूरी दे दी थी लेकिन सरकार ने रिपोर्ट को जारी नहीं किया।

बेरोजगारी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पत्रकार बोलीं- जो 45 साल में न हुआ वो 4.5 साल में हो गया, वाह मोदी जी वाह। रिपोर्ट में कहा गया है कि, साल 2017-2018 में 6.50 करोड़ लोग बेरोज़गार हुए। यानी उनकी नौकरियाँ छिन गईं। देश में इतनी बेरोज़गारी 45 साल पहले आई थी। सोमवार 28 जनवरी को सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों ने भी इस्तीफा देते हुए सरकार पर यही आरोप लगाया था। सरकार के अंतरिम बजट से कुछ दिन पहले और लोकसभा चुनाव के कुछ महीने हुए इस खुलासे से बीजेपी को भारी नुकसान हो सकता है।

गौरतलब है कि इस वक़्त देश में बेरोज़गारी का आलम ये है कि देश के युवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए ढाई करोड़ नए रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन अभी तक वह उस वादे को पूरा कर पाने में नाकामयाब साबित हुआ है। जिसके चलते देश के युवाओं ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किए थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर भी पीएम मोदी और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ हैशटैग चलाए हैं। जिसपर मोदी सरकार की काफी किरकिरी हुई हैं। जिसका सीधा फायदा अब विपक्षी दल कांग्रेस को मिल रहा है।
साभार: बोलता हिंदुस्तान