दिवाली पर पटाखा जलाए जाने से राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिवाली के अगले दिन यानी आज कुछ जगहों पर प्रदूषण का स्तर सामान्य तो कहीं बेहद ज्यादा रहा। दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में जलाए गए पटाखों का असर साफ तौर पर देखा जा रहा है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पीएम 10 और पीएम 2.5 लेवल 950 तक पहुंच गया।
देर रात आईटीओ इलाके में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर 900 तक पहुंचा, वहीं सुबह के वक्त यह आंकड़ा 255 स्तर पर भी पहुंचा। 255 भी प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक स्थिति है। रात में लोदी रोड इलाके में प्रदूषण का स्तर 250 से 280 स्तर पर था। बताया जा रहा है कि यह सुबह होते ही यह स्तर 500 तक पहुंच गया।
आज सुबह 7 बजे का स्तर
आनंद विहार 358 बेहद खराब
आईटीओ 347 बेहद खराब
जहांगीरपुरी 360 बेहद खराब
द्वारका 350 बेहद खराब
नॉर्थ कैंपस 328 बेहद खराब
लोदी रोड 348 बेहद खराब
जबकि लोदी रोड इलाके में रात के वक्त प्रदूषण का स्तर 250 से 280 स्तर पर था। सुबह होते ही यह स्तर 500 तक पहुंच गया। दिल्ली में पिछली रात ओवरऑल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 306 था जो बेहद खराब कैटेगरी में आता है।
इससे पहले दिवाली से एक दिन पहले ही भी राजधानी दिल्ली और एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई थी। दिल्ली की कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शनिवार सुबह करीब 10 बजे आठ बजे तक 305 दर्ज किया गया।
कैसे मापते हैं AIQ का स्तर
बता दें कि एक्यूआई 0 से 50 के बीच अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 तक बेहद खराब और 401 से 500 के बीच खतरनाक माना जाता है। दिल्ली में हवा की क्वालिटी लगातार बिगड़ने का मुख्य कारण हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब के इलाकों में पराली जलाना भी है।
30 तक निर्माण कार्य पर रोक
दिवाली से पहले हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंचने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकृत संस्था ईपीसीए ने पिछल हफ्ते निर्देश दिया था कि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में 26 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध रहेगा।