नई दिल्ली : महिलाओं की फटी जींस को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद सीएम तीरथ सिंह रावत की अच्छी-खासी फजीहत हो चुकी है, सोशल मीडिया से लेकर अख़बार तक रावत के इस बयान के ख़िलाफ़ महिलाओं की प्रतिक्रिया से अटे पड़े हैं.
रावत ने सोचा नहीं होगा कि सीएम पद संभालने के हफ़्ते भर के भीतर ही उन्हें इस मुसीबत का सामना करना होगा, ख़ैर, फ़जीहत होने के बाद रावत ने अपने बयान पर अफ़सोस जताया है.
ये भी पढ़ें : क्या पत्रकार ही पत्रकार के दुश्मन बन गए?
तीरथ सिंह रावत ने कहा मुझे जींस से एतराज नहीं है, यदि किसी को फटी जींस पहनना ठीक लगता है तो मुझे कोई एतराज नहीं है, किसी को यदि बुरा लगा है तो मैं उसके लिए क्षमा मांगता हूं.
रावत ने कहा मैं ग्रामीण परिवेश से आया हूं, जब हम स्कूल में जाते थे, कभी पैंट फट जाती थी तो लगता था कि स्कूल में कैसे जाएंगे क्योंकि स्कूल में अनुशासन बहुत सख़्त था, हम पैंट में टैग लगाकर जाते थे.
रावत ने ने कहा आज बच्चा 2-4 हज़ार की जींस लेता है और पहले वह फटी जींस को देखता है, अगर फटी नहीं होती तो वह घर पर जाकर कैंची मार देता है.
रावत ने कहा मेरा ग़लत इरादा नहीं था और मेरी भी बेटी है, मैंने यह कहा था कि हमें अपने घर में किस तरह के संस्कार देने चाहिए, इस संदर्भ में ही यह बात कही थी, उन्होंने कहा कि बच्चों में संस्कार और अनुशासन ज़रूरी है.
रावत के बचाव में उनकी पत्नी रश्मि त्यागी रावत भी सामने आईं, रश्मि ने कहा मुख्यमंत्री के बयान को ग़लत ढंग से दिखाया जा रहा है, बहुत संस्कारी व्यक्ति हैं और एक प्रचारक इस तरह की भाषा नहीं बोल सकता है.
मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं बोला है कि फटी जींस है और उन्होंने इसे संस्कार के संदर्भ में कहा था, रावत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे हैं.