नई दिल्ली : साइखोम मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया है, उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए पहला सिल्वर मेडल जीत लिया है, मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम महिला वर्ग के वेटलिफ्टिंग इवेंट में सिल्वर पदक अपने नाम किया है और इसी के साथ ओलंपिक खेलों के पहले ही दिन भारत पदक तालिका में अपना खाता खोलने में कामयाब रहा है, वहीं चीन की जजिहू को वेटलिफ्टिंग के 49 किलोग्राम इवेंट में गोल्ड मेडल मिला है.
कौन हैं मीराबाई चानू
मणिपुर की राजधानी इम्फाल की रहने वाली मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को इम्फाल में हुआ था, 26 वर्षीय मीराबाई चानू को बचपन में तीरंदाजी का शौक था और वो इसी में अपना करियर भी बनाना चाहती थी, लेकिन 8वीं कक्षा के बाद उनका झुकाव वेटलिफ्टिंग की ओर हो गया और फिर उन्होंने इसी में आगे बढ़ने का फैसला किया, दरअसल इम्फाल की वेटलिफ्टर कुंजरानी को प्रेरणा मानकर चानू भी भारोत्तोलन में दिलचस्पी लेने लगी थी.
ये भी पढ़ें : मोदी मंत्रिमंडल विस्तार : ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल, मीनाक्षी लेखी सहित 43 नेता बनेंगे मंत्री
चानू ने 11 साल की उम्र में एक लोकल वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था, बाद में, उन्होंने विश्व और एशियाई जूनियर चैंपियनशिप प्रतिस्पर्धा में भाग लेकर अपने अंतर्राष्ट्रीय भारोत्तोलन करियर की शुरुआत की, जहां उन्होंने दोनों में पदक जीते.
मणिपुर की मीराबाई चानू ने यकीनन भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर रौशन कर दिया है हालांकि वह पहले भी कई बार अपनी काबिलियत के दम पर देश को फख्र का मौका दे चुकी हैं लेकिन उनके लिए ये मुकाम हासिल करना इतना आसान न था, अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा है तब जाकर आज उन्हें ये बुलंदी हासिल हुई है.
इस पूरे सफर के दौरान चानू को उनके परिवार का पूरा सहयोग मिला, परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद उनके माता-पिता ने हर कठिनाई का सामना करते हुए चानू की आहार संबंधी जरूरतों से लेकर कई अन्य जरूरते पूरी की, उसी का नतीजा है कि चानू लगातार अपने परिवार और देश का नाम ऊंचा कर रही हैं,
मीराबाई चानू पहले भी जीत चुकी हैं कई मेडल
मीराबाई चानू अब तक देश के लिए कई मेडल जीत चुकी हैं, साल 2014 में ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था, 2016 के रियो ओलंपिक गेम्स के क्वालीफाई मैच में चानू ने अपनी प्रेरणा वेटलिफ्टर कुंजरानी को हराकर रियो ओलंपिक्स में अपनी जगह बनाई थी, मीराबई ने 2017 में हुई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 48 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था.
ये भी पढ़ें : इजराइल के पक्ष में बोलने वालों की हुई बेइज़्जती नेतन्याहू ने 25 देशों को कहा शुक्रिया-भारत का नाम नहीं लिया
वहीं 2018 में कॉमन वेल्थ गेम्स में भी चानू ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था, अप्रैल 2021 में ताशकंद में एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप के दौरान, मीराबाई चानू ने महिलाओं की 49 किग्रा क्लीन एंड जर्क में 119 किग्रा भार उठाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था, दूसरी ओर, चानू को स्नैच में खराब प्रदर्शन के कारण एशियाई मीट में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था.
मीराबाई चानू को कई खेल सम्मान मिल चुके हैं,
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन, बीरेन सिंह ने चानू को सम्मानित किया और उन्हें 20 लाख रुपये का पुरस्कार दिया, उन्हें 2018 में भारत के सर्वोच्च नागरिक खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था, चानू को 2018 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.