नई दिल्ली : अमेरिका में रहने वाले डॉन फ्रेंच को रेडियो शैक में मिल रहे इलेक्ट्रॉनिक आइटम बेहद पसंद थे, वो आए दिन रेडियो शैक में जाकर कुछ न कुछ खरीदते रहते थे, 1975 में उन्होंने आल्टेयर 8800 खरीदा.
ये एक माइक्रोकम्प्यूटर था, डॉन फ्रेंच को ये बेहद पसंद आया और उन्होंने सोचा क्यों न ऐसा ही प्रोडक्ट आम लोगों के लिए डिजाइन किया जाए, दरअसल उस समय कम्प्यूटर आम लोगों की पहुंच से दूर था, केवल टेक्निकल फील्ड में इंटरेस्टेड लोग ही कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते थे.
डॉन फ्रेंच ने ये आइडिया रेडियो शैक की पैरेंट कंपनी टैंडी कॉर्पोरेशन को बताया, आइडिया पर लंबी चर्चा होने के बाद इसे अप्रूव किया गया और कंपनी ने 24 साल के युवा इंजीनियर स्टीव लिनींगर को हायर किया, स्टीव और डॉन को इस नए कम्प्यूटर की डिजाइनिंग का जिम्मा मिला, ये दिसंबर 1976 की बात है.
फरवरी 1977 में दोनों एक प्रोटोटाइप तैयार कर चुके थे, ये टैक्स कैल्कुलेशन और हल्के-फुल्के ऑफिस टास्क को अंजाम दे सकता था, इस प्रोटोटाइप को टैंडी कॉर्पोरेशन के फाउंडर चार्ल्स टैंडी को दिखाया गया.
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इसी दौरान एक मजेदार वाकया भी हुआ, जब ये दोनों इस प्रोटोटाइप को टैंडी को दिखा रहे थे तो टैक्स कैल्कुलेशन के लिए दोनों ने टैंडी को अपनी सैलरी एंटर करने को कहा, टैंडी ने अपनी सैलरी डेढ़ लाख डॉलर एंटर की.
जैसे ही टैंडी ने सैलरी एंटर की कम्प्यूटर क्रैश हो गया, दरअसल कम्प्यूटर इतनी बड़ी संख्या को प्रोसेस नहीं कर सकता था, इस तरह टैक्स तो कैल्कुलेट नहीं हुआ, लेकिन कंपनी के कर्मचारियों को अपने बॉस की सैलरी पता चल गई.
टैंडी ने इस प्रोटोटाइप को कुछ सुधारों के साथ अप्रूव कर दिया, इसे नाम दिया गया TRS-80, TRS का मतलब टैंडी रेडियो शैक और इसमें Z-80 प्रोसेसर इस्तेमाल किया गया था इसलिए 80 जोड़ा गया.
आज ही के दिन 1977 में TRS-80 मार्केट में आया, ये पहला होम कम्प्यूटर था, इसकी कीमत रखी गई 599 डॉलर, इसमें कस्टमर को एक लैंग्वेज इंटरप्रेटर, 4kb रैम, 1.77 मेगाहर्ट्ज z-80 प्रोसेसर, 12इंच मॉनिटर, कैसेट रिकॉर्डर और एक कैसेट टेप दी जाती थी, कैसेट में ब्लैकजेक और बैकगेमन नाम से दो गेम भी आते थे.
इस कम्प्यूटर को कंपनी की उम्मीदों से ज्यादा रिस्पॉन्स मिला, पहले ही महीने में 5 हजार कम्प्यूटर बिके, जो कि कंपनी के अनुमान से 10 गुना ज्यादा थे.
दूसरा विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद सोवियत संघ और अमेरिका में कोल्ड वॉर शुरू हो चुका था, दोनों के बीच स्पेस से लेकर एटॉमिक पावर की विश्वशक्ति बनने की होड़ लगी थी, अक्टूबर 1957 में सोवियत संघ ने स्पुतनिक सैटेलाइट को लॉन्च कर स्पेस में पहला कदम बढ़ा दिया था, आनन-फानन में अमेरिका ने फैसला लिया कि अमेरिकी सबमरीन को नॉर्थ पोल से गुजारा जाएगा.
दरअसल इससे पहले कोई भी सबमरीन नॉर्थ पोल को पार नहीं कर पाई थी, अगर अमेरिका इस उपलब्धि को पा लेगा तो वो ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा, साथ ही सोवियत संघ को चेतावनी भी दी जा सकेगी.
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अमेरिका ने ऑपरेशन ‘सनशाइन’ शुरू किया, इस ऑपरेशन के लिए USS नॉटिलस सबमरीन को चुना गया, नॉटिलस को 21 जनवरी 1954 को अमेरिकी नेवी में कमीशन किया गया था, ये न्यूक्लियर एनर्जी से चलने वाली दुनिया की पहली सबमरीन थी.
9 जून 1958 को नॉटिलस अपने मिशन पर निकली, लेकिन नॉर्थ पोल में एक बड़ी समुद्री चट्टान की वजह से मिशन रद्द करना पड़ा, 1 अगस्त को मिशन दोबारा शुरू किया गया, आज ही के दिन 1958 में नॉटिलस ने नॉर्थ पोल को पार किया, ऐसा करने वाली वो दुनिया की पहली सबमरीन बन गई थी, नॉर्थ पोल को पार करने के 96 घंटे बाद 7 अगस्त को सबमरीन ग्रीनलैंड पहुंची, यहां अमेरिकी राष्ट्रपति आइजनहावर सबमरीन के क्रू का स्वागत करने मौजूद थे.
अमेरिका के एक उद्योगपति थे – लुई जे कोच, उन्हें बच्चे काफी पसंद थे, खुद उनके भी 9 बच्चे थे और उनके साथ वो अपने घर के गार्डन में खेला करते थे, उन्हें बच्चों का साथ इतना पसंद था कि उन्होंने रिटायरमेंट के बाद बच्चों के लिए एक पार्क शुरू करने की तैयारी की.
जब इस बारे में उन्होंने अपने बच्चों से बात की तो बच्चों ने आइडिया दिया कि पार्क की एक थीम होनी चाहिए, डिस्कशन के बाद पार्क की थीम सांता क्लॉज चुनी गई और इसी थीम पर पार्क को सांता क्लॉज लैंड नाम दिया गया.
3 अगस्त 1946 को ये पार्क शुरू हुआ, पार्क में बच्चों के लिए टॉय शॉप, रेस्टोरेंट, राइड्स और सांता क्लॉज बनाए गए, बच्चों को ये पसंद आने लगा और धीरे-धीरे यहां आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ने लगी, 1955 में अमेरिकी राष्ट्रपति भी इस पार्क में घूमने आए.
1984 में हैलोवीन और अमेरिकी इंडिपेंडेंस डे की थीम को भी जोड़ा गया और पार्क का नाम बदलकर हॉलिडे वर्ल्ड कर दिया गया, आज भी इस पार्क में रोजाना हजारों लोग घूमने आते हैं.
3 अगस्त के दिन को इतिहास में और किन-किन महत्वपूर्ण घटनाओं की वजह से याद किया जाता है.
2012: अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स ने लंदन ओलिंपिक में 17वां गोल्ड मेडल जीता, फेल्प्स के नाम ओलिंपिक के रिकॉर्ड 28 मेडल हैं, जिनमें 23 गोल्ड हैं,
1948: इंडियन एटॉमिक एनर्जी कमीशन की स्थापना हुई,
1914: जर्मनी ने फ्रांस पर युद्ध की घोषणा की, पहले विश्वयुद्ध की शुरुआत की ये एक महत्वपूर्ण घटना थी,
1492: क्रिस्टोफर कोलंबस ने भारत का समुद्री रास्ता खोजने के उद्देश्य से स्पेन से अपने पहले समुद्री सफर की शुरुआत की,