लखनऊ : सीएम योगी सहित अन्य को भेजी शिकायत में उन्होंने कहा कि उन्हें एक “सजायाफ्ता कैदी” की गुमनाम शिकायत मिली है जिसमे जेलर आनंद कुमार शुक्ल तथा जेल हेड वार्डर शिवकुमार शर्मा पर जेल में आतंक तथा भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं.
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बताया गया कि शिव कुमार शर्मा पिछले लगभग 18 वर्षों से डासना जेल में ही तैनात हैं. यह भी आरोप है कि पिछले दिनों डासना जेल में 8 से ज्यादा कैदियों की हत्या फांसी पर लटका या अत्यधिक पिटाई के कारण हुई है जिसे ह्रदय गति रुकने से मौत दर्शा दिया गया. इसने सजायाफ्ता कैदी मोहित नम्बरदार, बलात्कार के आरोपी शादाब तथा रविन्द्र त्यागी शामिल हैं.
आरोप ले अनुसार जेल में अवैध ढंग से स्पेशल कैंटीन चल रहा है जिसमे रु० 800 प्रति थाली भोजन, रु० 250 प्रति किलो जलेबी, 2 लीटर की कोल्ड ड्रिंक बोतल रु० 175, बालूशाही रु० 20, समोसा रु० 20, ब्रेड पकोड़ा रु० 30 प्रति पीस, 500 ग्राम दूध रु० 60, बिरयानी रु० 200 प्रति किलो, सेव रु० 300 प्रति किलो, केले रु० 150 के 6, बीडी का बण्डल रु० 40, गुटखा रु० 25, सिगरेट पाउच रु० 80 तथा तम्बाकू रु० 20 का बिकता है. जहाँ जेल में कोरोना के समय निशुल्क टेलीफोन सुविधा दी गयी थी, वहीँ डासना जेल में 1 मिनट का रु० 100 अवैध वसूली होती है.
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यह भी आरोप है कि जेल के बाहर मुलाकात पर्ची पर 03 प्राइवेट लोगों को बैठाया गया है जो रु० 100-500 प्रति मिलाप वसूलते हैं और इस सबसे करीब 2.5-3 करोड़ प्रति माह की वसूली होती है. अमिताभ तथा नूतन ने इसे गंभीर मामला बताते हुए उच्चस्तरीय जाँच कराते हुए कार्यवाही की मांग की है.