नई दिल्ली : अधिकारी का अध्याय बंद हो चुका है और टीएमसी अब उन्हें वापस लाने के लिये कोई प्रयास नहीं करेगी, टीएमसी सूत्रों ने यह जानकारी दी.
सूत्रों के अनुसार आलाकमान ने अधिकारी को पार्टी में रहने के लिये मनाने तथा उनकी शिकायतें सुनने के लिये आगे कोई पहल नहीं करने का फैसला किया है, हालांकि उन्होंने कहा कि अगर अधिकारी कुछ कहना चाहते हैं तो वह उनकी बात सुनने के लिये तैयार है.
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टीएमसी और अधिकारी के बीच सुलह कराने का काम कर रहे सांसद सौगत राय ने किसी का नाम लिये बिना कहा कि टीएमसी एक बहुत बड़ी राजनीतिक पार्टी है, जिसके पास ममता जैसा जन नेता है, ‘अगर एक या दो लोग पार्टी छोड़ देते हैं तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा.’
एक वरिष्ठ नेता ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘हमारी पार्टी की प्रमुख ममता ने कल हमें उनके (अधिकारी) साथ आगे कोई बातचीत नहीं करने और (राज्य के चुनाव) अभियान पर ध्यान केन्द्रित करने का निर्देश दिया.
पार्टी के लिये सुवेंदु अधिकारी का अध्याय बंद हो चुका है, अगर वह कुछ कहना चाहते हैं तो कह सकते हैं, अब सबकुछ उनपर निर्भर करता है.
अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि वह ‘बंगाल और भारत के पुत्र’ हैं और लोगों की सेवा करना जारी रखेंगे.
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अधिकारी ने खुद के और पार्टी के बीच चल रही बातचीत में ठहराव आने के बाद अगले राजनीतिक कदम को लेकर लगाई जा रहीं अटकलों के बीच यह टिप्पणी की है, पार्टी का दावा है कि अधिकारी के साथ मतभेदों को दूर कर लिया गया है.
पिछले सप्ताह ममता मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले अधिकारी ने गुरुवार को यहां पार्टी के बैनरों और झंडों के बिना रैली की.
पूर्वी मिदनापुर जिले के तामलुक उप-मंडल में हुई इस रैली का आयोजन स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस की जयंती के मौके पर किया गया था, रैली के दौरान उनके समर्थक राष्ट्रध्वज थामे नजर आए.