केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 से पहले स्वर्ण आरक्षण का मुद्दा उठाकर एक बड़ा दांव खेला है। गौरतलब है कि इस वक़्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी बची कुची साख बचाने में जुटे हुए हैं। क्योंकि बीते साढ़े 4 साल के कार्यकाल में उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है। जिससे उन्हें इस साल के लोकसभा चुनाव में भी उसी भारी संख्या में वोट मिल सकें। जिस तरह से साल 2014 में मिली थी।
हाल ही में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को आयोजन किया था।
इस कांफ्रेंस में बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वर्ण आरक्षण पर हमला बोलते हुए कहा है कि आर्थिक आधार पर देश के मुसलमानों को भी आरक्षण दिया जाना चाहिए बीजेपी के लोग हिंदू देवी देवताओं की जाति बता रहे हैं और मुसलमानों की जुम्मे की नमाज पर विवाद पैदा कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी धर्म की राजनीति करने लगती है।

मायावती ने कहा कि बीजेपी अपने किए किसी वायदे को पूरा नहीं कर रही है। चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण देने का वादा कर रहे हैं। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस आधार मुस्लिमों को भी 10 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए।
मायावती ने कहा आजादी के बाद से सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की भागीदारी का औसत करीब 33 प्रतिशत था, जो कि अब घटकर 2 से 3 प्रतिशत ही रह गई है।

हाल ही में मोदी सरकार द्वारा सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण पर उन्होंने कहा कि वो सवर्णों के आरक्षण का वह समर्थन करती है, लेकिन इसके साथ वो मांग करते हैं कि सरकार मुसलमानों को भी 10 फीसदी आरक्षण दे। आपको बता दें कि 2019 में होने वाले चुनाव में बड़ी जीत दर्ज कर बर्थडे गिफ्ट देने की बात कही है।