इस्लामिक देश ईरान पर भले ही महिलाओं के अधिकार के हनन के आरोप लगते रहे हों, लेकिन इरान की महिलाओं ने अपनी प्रतिभा के जौहर दिखाकर हमेशा इन आरोपों को बेबुनियाद साबित किया है। एक बार फिर ईरान की तीन महिलाओं ने विज्ञान के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाकर इस्लामिक देश के आलोचकों को करारा जवाब दिया है।
ईरानी की तीन मुस्लिम महिलाओं का नाम एशियन एकेडमी ऑफ़ साइन्सेज़ एंड सोसाइटी (AASSA) ने एशिया की 50 प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों की एक सूची में शामिल किया है। ParsToday में छपी ख़बर के मुताबिक़, इस्लामी गणतंत्र ईरान की महिला वैज्ञानिकों ने एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है। एशियन एकेडमी ऑफ़ साइन्सेज़ एंड सोसाइटी ने अपनी पुस्तक “profiles of women scientists in Asia” में तीन ईरानी महिला वैज्ञानिकों के नाम को प्रकाशित किया है।

जिन ईरानी महिला वैज्ञानिकों के नाम उक्त पुस्तक में प्रकाशित हुआ है उनका नाम है “ताहिरा काग़ची, ज़हरा इमाम जुमे और महशीद फ़िरोज़ी।” ताहिरा काग़ज़ची और ज़हरा इमामे जुमे ईरान की प्रसिद्ध विश्वविद्याल अमीर कबीर और तेहरान विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पदों पर तैनात हैं, जबकि ऑस्ट्रेलियन एकेडमी ऑफ साइंसेज़ ने एक अन्य ईरानी वैज्ञानिक महशीद फ़िरोज़ी को ऑस्ट्रेलिया में एक प्रतिष्ठित महिला वैज्ञानिक के रूप में पेश किया।

इस बीच मध्यपूर्व के मामलों के कुछ विष्लेशकों ने ईरानी महिला वैज्ञानिकों के नामों का एशिया की सर्वश्रेठ महिला वैज्ञानिकों में शामिल होने पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि ईरानी महिलाएं लगातार खेल के मैदान से लेकर हर क्षेत्र में अपनी क्षमताओं का लोहा मनवा रही हैं और यह इस बात को दर्शाता है कि ईरान में महिलाओं की प्रगाति के लिए सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध हैं और ऐसे सभी आरोप बेबुनियाद हैं जो विश्व के कुछ देश ईरान में महिलाओं की अज़ादी को लेकर लगाते रहते हैं।
ईरानी महिला वैज्ञानिकों द्वारा इस तरह की उपलब्धि प्राप्त करना उन देशों के मुंह पर तमाचा है जो ईरानी महिलाओं की सवतंत्रता के बारे में भ्रम फैलाते हैं।