एक कहावत अक्सर हम सुनते हैं कि विद्या दान से बड़ा कोई दान नहीं होता है और इसे परंपरागत रूप से भी सबसे बड़े पुण्य वाले कामों में से एक माना जाता है। कुछ इसी तरह का काम कर रहा है यूपी पुलिस का एक सिपाही, जो खुद एक आईपीएस अफसर बनना चाहता था लेकिन यह सपना पूरा ना हो सका और बाद में मोहम्मद जाफर को उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही की नौकरी मिली, जो गोण्डा में तैनात हैं।
वैसे तो पुलिस की सर्विस तो हमेशा ही 24 घंटे की होती है, लेकिन मोहम्मद जफर को अपनी पुलिस ड्यूटी के बाद मिलने वाले कुछ समय में गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं। उस बाद वह पैदल ही अपनी ड्यूटी के लिए जाते हैं। इतना ही नहीं दोपहर में वो बैंक ड्यूटी भी करते हैं।
विज्ञान वर्ग से ग्रेजुएशन करने वाले सिपाही मोहम्मद जाफर अपनी ड्यूटी से समय निकालकर रोजाना अपनी पाठशाला में बच्चों को पढ़ाते हैं। इस दौरान उनके पास तक़रीबन 100 बच्चे पढ़ने आते हैं। सिपाही मोहम्मद जाफर कक्षा 1 से लेकर 10 तक के बच्चों को पढ़ाते हैं, और उनको नवोदय की तैयारी भी करवाते हैं। जाफर बच्चों को अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और सामान्य ज्ञान समेत कई अन्य विषय पढ़ाते हैं।
मोहम्मद जाफर कक्षा 1 से लेकर कक्षा 10 तक के बच्चों को पढ़ाते हैं और नवोदय विद्यालय की तैयारी कराते हैं। ये खाकी धारी सिपाही बच्चों को अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, और सामान्य ज्ञान की शिक्षा देते हैं। जाफर ने बातचीत में बताया की सिविल सर्विसेज में जाने का उनका सपना अधूरा रह गया और अपनी परिस्थितियों के कारण उसमें नहीं सफलता नहीं मिली। जिससे आईएएस बनने का इनका सपना अधूरा रह गया।
सिपाही मो. जाफर का कहना है कि अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद वह घूमने टहलने के बजाय रोजाना गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं। यह उनका शौक है विज्ञान से स्नातक जाफर मुहम्मद का सिविल सर्विसेज में जाने का सपना था, जो पूरा नहीं हुआ। इसलिए वो अब चाहते हैं कि उनके पढ़ाए इन बच्चों में कोई भी अगर कामयाब हो गया तो जाफ़र की ख्वाहिश पूरी हो जाएगी। वो रोजाना बेहद लगन से बच्चों को पढ़ाते हैं और बच्चे भी तल्लीनता से पढ़ाई करते हैं।