14 फरवरी को हुए पुलवामा आत्म!घाती हम!ले में लगभग 12 दिन तक काफी कोशिश के बाद जांच एजेंसी को एक बड़ा सुबूत हाथ लगा है।जांच एजेंसी NIA ने आत्म!घाती हम!ले में इस्तेमाल की गई कार और उसके मालिक की पहचान कर ली है, पुलिस की छापेमारी जारी है
हम!ले में उपयोग की गई कार मारुति ईको दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा इलाके के रहने वाले सज्जाद भट्ट की बताई जा रही। कहा जा रहा है कि सज्जाद भी जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया है।

NIA ने सोमवार को कहा कि आत्म!घाती हम!लावर द्वारा हम!ले में प्रयोग की गई मारुति ईको हम!ले से महज 10 दिन पहले ही खरीदी गई थी। यह गाड़ी कश्मीर के अनंतनाग जिले के निवासी ने खरीदी थी, जो कथित रूप से अब जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया है।
NIA के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम!ले के स्थान से आत्म!घाती हम!लावर आदिल अहमद डार द्वारा प्रयोग किए गए वाहन के अवशेषों को मिलाने के बाद फॉरेंसिक और ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों की सहायता से मारुति ईको का जानकारी जुटाई गई।
जांच एजेंसी के अनुसार कार के टुकड़ों की फॉरेंसिक जांच और ऑटोमोबाइल एक्पर्ट्स की मदद से कार के मॉडल का पता चला। हमले के लिए प्रयोग में लाई गई यह कार मारुति ईको है, जिसका चेसिस नंबर और इंजन नंबर पता चल गया है। NIA के प्रवक्ता ने कहा कि साल 2011 में यह कार अनंतनाग के मो. जलील अहमद हक्कानी को बेची गई थी।
इसके बाद यह कार 7 अन्य लोगों को बेची गई और आखिर में 4 फरवरी को अनंतनाग में बिजबेहरा इलाके के रहने वाले मो. मकबूल भट्ट के बेटे सज्जाद भट्ट ने खरीदी। सज्जाद दक्षिण कश्मीर के शोपियां में स्थित सिराज-उल-उलूम का छात्र रहा है।
सज्जाद का पता चलने के बाद NIA की टीम ने उसकी खोज में 23 फरवरी को जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ उसके घर पर छापा मारा था, लेकिन वह अपने घर नहीं मिला। माना जा रहा है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए वह फरार हो गया है। NIA के एक अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया पर सज्जाद भट्ट की एक तस्वीर प्रसारित हुई है, जिसमें वह हथि!यार पकड़े दिखाई दे रहा है।

मालूम हो कि 14 फरवरी को CRPF के काफिले पर आत्म!घाती हमला होता है, जिसमें 40 शहीद हो जाते है। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद आ!तंकी संगठन लेता है। इस हमले में RDX से भरी कार सेना के काफिले में एक गाड़ी को टक्कर मारता है।
पुलवामा हम!ले के बाद पूरे दुनिया में पाकिस्तान का बड़े पैमाने पर विरोध किया जा रहा है, जिसके बाद पाकिस्तानी सरकार जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर पर कब्ज़ा कर लेती है।