भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला लिया। यही नहीं सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का भी ऐलान कर दिया। जम्मू कश्मीर, विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा। भारत सरकार के इस कदम पर पाकिस्तान की सरकार में घमासान देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान लगातार इसको लेकर अपनी नाराजगी जता रहा है।
इसी कड़ी में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री बुजदार ने कहा, “पंजाब सरकार ने कश्मीर के लोगों के साथ सद्भावना जताने के लिए राज्य की 36 सड़कों यानी प्रत्येक जिले की एक सड़क का नाम कश्मीर रोड और पांच मुख्य पार्कों का नाम कश्मीर पार्क रखने का फैसला किया है।”
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के भारत के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में चर्चा होगी। यूएनएससी की अध्यक्ष जोआना रोनेका ने बुधवार को बताया था कि भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद चीन ने इस सत्र को कराने के लिए औपचारिक निवेदन किया। चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।