नई दिल्ली : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के बीच ‘‘सुनियोजित तरीके से’’ ‘‘झूठ की दीवार’’ खड़ी की गई है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा है और प्रदर्शनकारी किसानों को जल्द सच्चाई का अहसास होगा.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कहा कि उन्हें उम्मीद है कि गतिरोध का जल्द समाधान ढूंढ लिया जाएगा.
एक महीने से अधिक समय से पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों के किसान कृषि बिलों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं, उन्होंने चेतावनी दी है कि आगामी दिनों में अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे.
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मोदी सरकार और किसान संगठनों के बीच पांच दौर की औपचारिक वार्ता हुई है जो बेनतीजा रही है, मोदी सरकार द्वारा गतिरोध को समाप्त करने के लिए वार्ता बहाल करने के लगातार आग्रह के बाद किसान संगठनों ने बातचीत के लिए 29 दिसंबर का समय दिया है.
मोदी सरकार ने जवाब में किसान संगठनों को पत्र लिखकर वार्ता के लिए 30 दिसंबर को आमंत्रित किया है, तोमर कहा ‘‘जल्द ही कुछ रास्ता निकलेगा और हम समाधान तक पहुंचेंगे, हर कोई जानता है कि झूठ की दीवार कभी मजबूत नहीं होती, सच्चाई सच्चाई होती है, समय आएगा जब लोग सच्चाई स्वीकार करना शुरू करेंगे.’
नरेंद्र सिंह तोमर ने निराशा जताई कि कुछ लोगों ने आंदोलनकारी किसानों के दिलों में ‘‘सुनियोजित तरीके से गलतफहमी पैदा कर दी है,’’ बहरहाल, सरकार इस तरह के किसान संगठनों के साथ लगातार वार्ता कर रही है.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि नये कृषि कानूनों के लाभ किसानों तक पहुंचने शुरू हो गए हैं, कई किसान इन कानूनों के बारे में ‘‘सकारात्मक सोचने’’ लगे हैं लेकिन किसानों के कुछ धड़े में ‘‘भ्रम’’ बना हुआ है, उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम इन चिंताओं को दूर करने में सफल होंगे.’
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तोमर ने कहा कि सरकार लोकतांत्रिक ढांचे के तहत वार्ता के लिए हमेशा तैयार है और तैयार रहेगी, सरकार का मानना है कि मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता ही एकमात्र हथियार है, उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर जोर दे रहे हैं.’’
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 1990 में आर्थिक उदारीकरण के बाद से कृषि क्षेत्र में सुधार की चर्चा चल रही थी, मंत्री ने कहा कि कई समितियों का गठन हुआ और देश भर में विचार-विमर्श हुआ, पूर्ववर्ती सरकारों ने भी चर्चा की और सहमति तक पहुंचे लेकिन किसी तरह से इसे लागू नहीं किया.
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लेकिन मोदी सरकार ने पहल की और तीनों कृषि कानूनों को लागू किया, जिसे संसद के दोनों सदनों में चार घंटे की चर्चा के बाद पारित किया गया.