अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने शुक्रवार को दावा किया कि राफेल से जुड़े मामला दर्ज कराने के लिए जिन दस्तावेजों का प्रयोग किया गया, वे फोटोकॉपी हैं और रक्षा मंत्रालय से राफेल का कोई दस्तावेज चोरी नहीं हुआ है बल्कि लीक हुई है. अटार्नी जनरल ने कहा कि ये दस्तावेज गोपनीय थे और इनके चोरी होने की बात पूरी तरह से गलत है. इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि राफेल से जुड़े सीक्रेट डॉक्युमेंट्स रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं.
तीन मूल दस्तावेजों की कॉ़पी
अटार्नी जनरल के मुताबिक यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण जिन दस्तावेजों के आधार पर राफेल मामले से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के रिव्यू की मांग कर रहे हैं, वे तीन मूल दस्तावेजों की फोटोकॉपी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले राफेल मामले की जांच के लिए दायर याचिका खारिज कर दिया था.
Rafale Documents चोरी होने पर मचा था राजनीतिक घमासान
बुधवार को अटार्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में राफेल फाइटर जेट सौदे से जुड़े दस्तावेजों के चोरी होने की बात कही थी. इस पर राजनीतिक घमासान मच गया था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संवेदनशील दस्तावेजों के चोरी होने की बात को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था और इसकी आपराधिक मामले के तहत सुनवाई करने की मांग की थी.
ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत कार्रवाई की चेतावनी
इससे पहले मीडिया में राफेल से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक हुए थे और इस सौदे को लेकर केंद्र सरकार पर कई सवाल खड़े गए थे. केंद्र सरकार ने राफेल से जुड़े दस्तावेजों पर आधारित खबरों को प्रकाशित करने पर ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
मालूम हो कि राफेल डील के बेहद गोपनीय दस्तावेज चोरी होने की बात सुप्रीम कोर्ट में कहकर दुनियाभर में सनसनी और सरकार की किरकिरी कराने के बाद अब सफाई दी गई है. मामले को लेकर लीपापोती का दौर भी शुरू हो गया है.
केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने राफेल लडाकू विमान सौदे की प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों को लेकर खुली अदालत में जो कुछ कहा था, बंद लिफाफे में दिए जवाब में उससे पलट गए हैं.