नई दिल्ली। मोदी सरकार के लिए एक और निराश करने वाला आंकड़ा सामने आया है। पहली तिमाही (Q1) में जीडीपी 5.8 फीसदी से घटकर 5% रह गई है। मतलब इस सेक्टर में कुल 0.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है जो कि पांच साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। मंदी की आशंका से जूझ रही अर्थव्यवस्था को इससे तगड़ा झटका लगा है। संभावना व्यक्त की जा रही थी कि ये आंकड़ा 5.3 से 5.6 फीसदी तक रह सकता है। पिछले साल इसी तिमाही में जीडीपी 8 फीसदी थी जो गिरकर 5 फीसदी रह गई है। कृषि, निर्माण और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में खराब प्रदर्शन इस जीडीपी मे गिरावट की बड़ी वजह माना जा रहा है।
बजट के प्रावधानों की घोषणा के बाद से शेयर बाजार में भी जो निराशा का माहौल बना हुआ है। उससे वो अभी तक उबर नहीं पाया है। हालांकि वित्त मंत्री ने पिछले दिनों कई तरह की राहत और छूट की घोषणा की है और आरबीआई ने भी सरकार को 1.76 लाख करोड़ अपने रिजर्व से दिए हैं। बावजूद इसके अभी तक कोई सकारात्मक संदेश बाजार में अब तक दिखाई नहीं दिया है।
किस सेक्टर की क्या हालत
अगर सेक्टर की बात करें तो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पिछले वित्त वर्ष (2018-19) के 12.1 फीसदी की तुलना में महज 0.6 फीसदी की दर से आगे बढ़ सका है। वहीं एग्रीकल्चर और फिशिंग सेक्टर पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 5.1 फीसदी की तुलना में 2 फीसदी की दर से आगे बढ़ा है।
अगर कंस्ट्रक्शन सेक्टर की बात करें तो यहां 5.7 फीसदी की तेजी रही, जो पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 9.6 फीसदी की तुलना में 3 फीसदी से अधिक गिरावट है। फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रफेशनल सर्विसेज पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 6.5 फीसदी की तुलना में 5.9 फीसदी की दर से आगे बढ़ा है। इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वाटर सप्लाई समेत अन्य सेक्टर में मामूली तेजी देखने को मिली है।