केंद्र सरकार की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के संगठन जमात-ए-इस्लामी को बैन कर दिया है। जमात ए इस्लामी के आतंकी संगठनों से लिंक को लेकर ये प्रतिबंध लगाया गया है। यह कार्रवाई संगठन के देश विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में जुटे होने के कारण गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम के तहत की गई है।
गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
इस संबंध में गुरुवार शाम गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए जमात-ए-इस्लामी पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में यह कहा है कि जमात-ए-इस्लामी ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है जो कि आंतरिक सुरक्षा और लोक व्यवस्था के लिए खतरा हैं। ऐसे में केंद्र सरकार इसे एक विधि विरूद्ध संगठन घोषित करती है।
मंत्रालय द्वारा जारी किए गए अधिसूचना में कहा गया है कि जमात-ए-इस्लामी, जम्मू कश्मीर के आतंकी संगठनों के साथ नजदीकी संबंध रहे हैं। इतना ही नहीं यह संगठन जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त दूसरी जगहों पर भी चरमपंथियों और आतंकियों की मदद करती रही है।
‘नफरत फैलाने के इरादे से काम करने वाला एक संगठन’
इसके अलावा इसको नफरत फैलाने के इरादे से काम करने वाला एक संगठन भी बताया गया है, जिसके बाद मंत्रालय ने सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिहाज से संगठन को प्रतिबंधित करने के आदेश दिए हैं। बता दें कि हाल ही में एजेंसियों ने कश्मीर घाटी से जमात-ए-इस्लामी के तमाम सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
22 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे अलगाववादी नेता
घाटी में 22 फरवरी को हुई एक बड़ी कार्रवाई के दौरान पुलिस ने जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट और जमात-ए-इस्लामी के 130 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। 22 फरवरी की रात दक्षिण, मध्य और उत्तरी कश्मीर के इलाकों में यह छापेमारी की गई थी, जिसमें जमात संगठन के प्रमुख अब्दुल हामिद फयाज सहित दर्जनों नेताओं को हिरासत में लिया गया।