लोकसभा चुनाव 2019 से पहले केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार द्वारा चलाए गए स्वर्ण आरक्षण के दाम पर अब सियासी चर्चा शुरू हो चुकी है। आपको बता दें कि अपने कार्यकाल के अंत में मोदी सरकार ने देश के स्वर्ण समाज के लोगों के लिए कोटा निर्धारित कर दिया है। लोकसभा में आरक्षण बिल पास होने के बाद अब राज्यसभा में इसकी परीक्षा जारी है।
इसी बीच अब देश के आर्थिक शैक्षिक और राजनीतिक रूप से पिछड़े हुए अल्पसंख्यक समुदाय के लिए भी आरक्षण की मांग उठने लगी है। आपको बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने अब केंद्र सरकार से देश के मुसलमानों को भी आरक्षण देने की मांग की है। उन्होंने अपने सांसदों से कहा है कि वह आरक्षण का मुद्दा लोकसभा सदन में उठाएं।

गौरतलब है कि इससे पहले भी तेलंगाना विधानसभा में राज्य के पिछड़े मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव पेश किया जा चुका है और पिछड़े मुसलमानों को 12 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भी भेजा गया है।
वहीं समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान ने भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की इस मांग पर समर्थन जाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि 5 फ़ीसदी आरक्षण मुसलमानों को दिया जाना चाहिए। आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण को मंजूरी दे दी है। इस संबंध में लोकसभा सदन में संविधान संशोधन विधेयक लाया जा सकता है जो कि मौजूदा 50% आरक्षण से अलग होगा।

सूत्रों ने कहा कि सामान्य वर्ग को अभी आरक्षण हासिल नहीं है। एक सूत्र ने बताया, ‘आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और पांच एकड़ तक जमीन होगी। सूत्रों ने बताया कि फैसले को लागू करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करना होगा।