इस बात को कौन नही जानता कि रजब तैयब एर्दोगन दुनिया के टॉप टेन मुस्लिम नेताओं में से सबसे पहले नंबर पर गिने जाने वाले नेता और मसीहा है,एर्दोगान मुस्लिम मामलो पर बेबाकी से अपनी राय रखने वाले एक नेता हैं जो अपने इसी बेबाकी की वजह से दुनिया में मशहूर हैं,

एरडोगन और एरडोगन की पत्नी ने पिछले दिनों रोहिंग्यामें हुए नरसंहार में अपना घर छोड़कर कैंपों में रह रहे शरणार्थीयों से मुलाकात कर उनका हाल जाना और उनके दुख दर्द को अपना समझा.रोहिंग्या के शरणार्थियों से एर्दोगन की पत्नी मिलकर भावुक हो गई थी जिनकी तस्वीर दुनियाभर में वायरल हो गई थी.

तुर्की समाचार एजेंसी डेली सबाह के मुताबिक, 28 सितम्बर को एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार, राष्ट्रपति रजब तय्यब एर्दोगान संयुक्त राष्ट्र में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) जनरल असेंबली के 73 वें सत्र में भाग लेंगे,आने वाले सप्ताह के दौरान आम सभा की मेजबानी करेंगे जिसमे दुनिया भर से 140 से अधिक राज्यों और सरकारी प्रमुखों की आने की संभावना है,सूत्रों के अनुसार इस बैठक में तुर्की और मुस्लिम समुदाय का नेतृत्व एर्दोगान ही करेंगे।

न्यूयॉर्क की राष्ट्रपति प्रेस कार्यालय के रिपोर्ट के द्वारा बताया जा रहा है कि तुर्की अध्यक्ष 23 से 27 सितंबर तक न्यूयॉर्क में ही रहेंगें।साथ ही साथ ग्लोबल कॉम्पैक्ट पर उच्च स्तरीय कार्यक्रम में वह 24 सितंबर को शिरकत करेंगे। उसके दूसरे दिन, वह यूएन जनरल असेंबली को संबोधित करेंगे।
तय्यब एर्दोगान दुनिया मे सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति बनते जा रहे हैं, तुर्की की जनता के लिये उनका समर्पण और लगाव क़ाबिल तारीफ है। इसी लिये तुर्की जनता भी उन पर जान कुर्बान करती है,जिसकी कई मिसालें हमें देखने को मिलती रही हैं।

तय्यब एर्दोगान के शासनकाल में तुर्की ने सबसे अधिक तरक़्क़ी करी है,एर्दोगान अपनी खुद्दारी के कारण अमेरिका के सामने नही झुके हैं जिसके कारण करेंसी लीरा डगमगाने लगी है,एर्दोगान ने स्पष्ट रूप से कह दिया है उनके पास अगर डॉलर है तो हमारे पास भी अल्लाह है।
आपको बता दे कि तुर्की राष्ट्रपतिलोकप्रिय तो है ही साथ साथ बहुत ही ज्यादा निडर है और यही कारण है कि एर्दोगान मुस्लिम जगत के सबसे मशहूर और चहेते नेता है। वह हमेशा आए मुस्लिमों के लिए आवाज़ उठाते है और उनके अधिकारो के लिए उनके साथ साथ खड़े भी रहते है।

आपको बता दे कि इन्हीं कारणों के लोए ऑफ जनहितो के लिए ही यूएन सदन में शिरकत करेंगे। 25 सितंबर को,यूएन जनरल असेंबली को संबोधित करने के बाद एर्दोगान से विधानसभा के दौरान विभिन्न देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक के कयास लागये का रहे है।
साभार-headline 24