रामचरितमानस पर बिहार के मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद अब समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बयान देकर विवाद को बढ़ा दिया है।
अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ हजरतगंज पुलिस को एक शिकायत दी है, जिसमें रामचरितमानस पर उनकी टिप्पणी के लिए कार्रवाई की मांग की गई है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने एक पत्र में कहा है कि मौर्य के हिंदू धर्मग्रंथ की आलोचना करने और उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले बयान से लाखों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
महासभा के कार्यकर्ताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य की अर्थी निकाली। इसके बाद रामबाग से निकलकर उनका पुतला यमुना नदी फेंका। राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने कहा कि इस तरीके से रामचरितमानस का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में शूद्रों का अपमान किया गया। इसलिए ऐसी पुस्तकों से इन दोहों चौपाइयों को हटाना चाहिए या फिर इन्हें प्रतिबंधित करना चाहिए।
बता दें कि बिहार में आरजेडी नेता व मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हुए सुर्खियों में आए थे। इस दौरान बिहार समेत पूरे देश भर में विपक्षी नेताओं के निशाने पर आरजेडी व नीतीश सरकार आ गई थी। जिसके बाद नीतीश कुमार अपने ही मंत्री के बयान से नाखुश दिखे।