नई दिल्ली : सुशांत सिंह राजपूत से जुड़े एक मामले में उनकी बहन प्रियंका को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका लगा है.
HC ने उनके खिलाफ दर्ज करवाई गई एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है, हालांकि, HC ने राजपूत की बहन मीतू के खिलाफ दर्ज करवाई गई एफआईआर को रद्द किया है.
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सुशांत की मौत मामले में आरोपी रिया चक्रवर्ती ने दिवंगत एक्टर की बहनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी, इसी एफआईआर को चुनौती देने हुए दोनों बहनों ने बॉम्बे HC का दरवाजा खटखटाया था और उसे रद्द करने की मांग की थी.
सुशांत की बहनों का केस लड़ रहे एडवोकेट माधव थोराट ने कहा कि प्रियंका अब हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी, हाईकोर्ट का रुख करते हुए सुशांत की बहनों का दावा था कि रिया के आरोपों से कोई संगीन अपराध नहीं बनता है.
उनकी याचिका में कहा गया कि चक्रवर्ती द्वारा शिकायत दर्ज करना एनसीबी द्वारा उसके खिलाफ जांच करने और आत्महत्या के लिए राजपूत के परिवार को दोषी ठहराने के लिए उसकी ओर से एक निंदनीय कोशिश थी, क्योंकि वह गिरफ्तार होने की कगार पर थी, एनसीबी ने रिया को आठ सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था.
रिया चक्रवर्ती की ओर से HC में पेश हुए एडवोकेट सतीश मानशिंदे ने अदालत से आरोपों की जांच के लिए अनुमति देने को कहा, उन्होंने HC से कहा कि जांच काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके छह दिन बाद एक्टर ने अपना जीवन समाप्त कर लिया था, यह पर्चा सुशांत की मौत के पीछे का कारण हो सकता है.
बीते साल 7 सितंबर को रिया चक्रवर्ती ने मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी, इस एफआईआर में सुशांत की बहन प्रियंका सिंह, मीतू सिंह और डॉक्टर तरुण कुमार को आरोपी बनाया गया था.
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एफआईआर के अनुसार, सुशांत की बहन प्रियंका सिंह ने दिल्ली के सरकारी अस्पताल राम मनोहर लोहिया के डॉक्टर तरुण कुमार से मिली भगत कर सुशांत के लिए फर्जी प्रिस्क्रिप्शन लिखवाया, मानसिक रूप से बीमार सुशांत को बिना देखे और बात किए डॉक्टर ने दवाई लिख दी, रिया के मुताबिक यह टेलीमेडिसिन कानून 2020 के खिलाफ है.
रिया ने यह भी आरोप लगाया था कि 8 जून को दवाई लिखी गई और 14 जून को सुशांत ने सुसाइड कर लिया, इसलिए बहन प्रियंका सिंह, मीतू सिंह और डॉक्टर तरुण कुमार पर खुदकुशी के लिए मजबूर करने का आरोप भी बनता है.