नई दिल्ली:आधार कार्ड ना ना होने की वजह से अब तक सैकड़ों लोग मौत का शिकार हो चुके हैं क्योंकि वह इमरजेंसी में यानी घायल होने पर क्या गर्भवती होने पर या अन्य तरह की बीमारी होने पर हॉस्पिटल की तरफ जाते हैं तो कई हॉस्पिटल उसे आधार कार्ड मांगने मांगने का मामला प्रकाश में आया है जिनमें कई मरीजों की मृत्यु हो चुकी है
आधार कार्ड ना होने की वजह से बहुत से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जिसमे सोनीपत के शहर के एक निजी अस्पताल के अड़ियल रवैये के कारण कारगिल युद्ध के एक शहीद की पत्नी ने दम तोड़ दिया. बीमार मां को अस्पताल लेकर पहुंचा शहीद का बेटा अस्पताल प्रबंधन के आगे आगे गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन प्रबंधन आधार कार्ड जमा करवाने पर अड़ा रहा। आधार कार्ड की कॉपी मोबाइल में दिखाने के बावजूद प्रबंधन नहीं माना। इलाज के अभाव में शहीद की पत्नी ने दम तोड़ दिया.
आधार कार्ड को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार आम नागरिक की बड़ी पहचान बन गई है. सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की धारा 57 को रद्द कर दिया है. इसका सीधा मतलब है कि कोई भी निजी कंपनी या व्यक्ति आपकी पहचान के लिए आधार की मांग नहीं कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते हुए कहा, ”बैंक अकाउंट और मोबाइल से आधार लिंक करना जरूरी नहीं है.आधार को पैन कार्ड से लिंक करना जरूरी, लेकिन इन सब चीजों के लिए आधार जरूरी नहीं.
कोर्ट ने यहा भी कहा कि आधार को वित्त विधेयक की तरह पास किये जाने में कुछ गलत नहीं है.” बता दें कि सरकार ने बैंक अकाउंट और मोबाइल जैसी तमाम सुविधाओं के लिए आधार को अनिवार्य किया था. आपको बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आपको कहां आधार की जरुरत है और कहां नहीं-
कहां पर आधार अनिवार्य नहीं
(1)स्कूल में दाखिले के लिए आधार जरूरी नहीं, यानि CBSE,
(2)NEET के लिए आधार जरूरी नहीं है.
(3)सर्वशिक्षा अभियान के लिए जरूरी नहीं है.
(4)बैंक में खाता खोलन के लिए आधार जरूरी नहीं है.
(5)नया मोबाइल नंबर लेने के लिए आधार जरूरी नहीं है.
(6)मोबाइल वॉलेट के लिए भी उस एप को आधार से लिंक करना जरूरी नहीं है.
आधार कार्ड कहा अनिवार्य
(1)पैन को आधार से लिंक करना जरूरी है
(2)आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आधार जरूरी
(3)कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने और सरकार से मिलने वाली सब्सिडी लेने के लिए आधार कार्ड जरूरी
(4)आधार नहीं होने के कारण किसी भी बच्चे को किसी योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड सुनवाई के वक़्त क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- क्या किसी की निजी जानकारी जारी होना राष्ट्रहित में है? ये उच्च स्तर पर तय हो. जानकारी जारी करने का फैसला लेने में हाई कोर्ट जज की भी भूमिका हो. आधार एक हद तक निजता में दखल है लेकिन ज़रूरत को देखना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- गरीमा के साथ जीवन मौलिक अधिकार है, आधार से वंचित तबके को गरिमा मिल रही है. 99.76% लोग आधार से जुड़े, अब उन्हें सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता.
आपको बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई की जिनमें आधार को निजता के मौलिक अधिकार का हनन बताया गया. साथ ही इनमें, अलग-अलग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने को भी चुनौती दी गई थी. इस मामले पर सरकार की दलील है कि आधार से योजनाएं असल ज़रूरतमंदों तक पहुंचीं साथ ही आर्थिक धोखधड़ी पर भी लगाम लगी.