देश में EWS आरक्षण जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 3-2 से अहम फैसला दिया है। CJI यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने मोदी सरकार के आर्थिक आधार पर आरक्षण के फैसले पर मुहर लगा दी है।
इस मामले में चीफ जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस. रविंद्र भट, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने फैसला दिया है। जस्टिस माहेश्वरी, जस्टिस त्रिवेदी और जस्टिस पारदीवाला ने आरक्षण का समर्थन किया है, जबकि चीफ जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट इसके खिलाफ हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि EWS कोटा सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 50% कोटा को बाधित नहीं करता है। ईडब्ल्यूएस कोटे से सामान्य वर्ग के गरीबों को फायदा होगा। EWS कोटा कानून के समक्ष समानता और धर्म, जाति, वर्ग, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर और सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है।
बता दें कि संविधान में 103वें संशोधन के जरिए 2019 में संसद से EWS आरक्षण को लेकर कानून पारित किया गया था। इस फैसले को कई याचिकाओं के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने आज फैसला सुनाया है।