बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के अपने ही फैसले को सुप्रीम कोर्ट जल्दी ही रिव्यू करेगा। मुख्य न्यायधीष चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि वो बिलकिस की उस याचिका को जल्दी लिस्ट कराएंगे जिसमें उस फैसले को रिव्यू करने की मांग की गई है जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों को रिहा करने के लिए गुजरात सरकार को अनुमति प्रदान की थी।
बानो के मामले पर जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच सुनवाई करेगी। दोषियों की माफी के खिलाफ अपनी याचिका में बानो ने कहा कि, राज्य सरकार ने सुप्रीम अदालत के निर्धारित कानून की जरूरतों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया। याचिका में में कहा गया है, बिलकिस बानो के मामले में दोषियों की समय से पहले रिहाई ने ‘समाज की अंतरात्मा’ को झकझोर कर रख दिया है।
वकील ने बताया कि संभावित तारीख 5 दिसंबर दिखाई गई थी, जिसके बाद चीफ जस्टिस फैसले के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर फैसला संबंधित निर्णय सुनाने वाले न्यायाधीश अपने कक्ष में करते हैं। बानो दंगों के दौरान बलात्कार की शिकार हुई थीं और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। बानो ने पुनरीक्षण याचिका के अलावा दोषियों की सजा माफ किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए एक अलग याचिका दायर की है।
बता दें कि बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के 13 मई, 2022 के आदेश की समीक्षा की मांग की है। जिसमें शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार से नौ जुलाई, 1992 की नीति के तहत दोषियों की समय पूर्व रिहाई की याचिका पर दो महीने के भीतर विचार करने को कहा था। इसके बाद राज्य सरकार ने 11 दोषियों को छूट देते हुए 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया।