सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को बड़ी राहत दी है। दोनों ही आने वाले तीन साल तक बीसीसीआई में अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के संविधान में संशोधन से जुड़ी याचिका में यह फैसला सुनाया है यानी बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह के कार्यकाल पर अभी कोई संकट नहीं है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई से संविधान के संशोधन की भी मंजूरी दे दी है।
बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में, अपने पदाधिकारियों के लिए कूलिंग-ऑफ अवधि को समाप्त करने की मांग की थी, जिससे सौरव गांगुली और जय शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अध्यक्ष और सचिव के रूप में पद पर बने रहेंगे।
क्या था कार्यकाल-कूलिंग ऑफ नियम?
BCCI में भ्रष्टाचार के मामलों के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति ने बोर्ड का नया संविंधान तैयार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में इस संविधान को कुछ बदलावों के साथ स्वीकार करते हुए फैसला लिया कि कोई भी पदाधिकारी लगातार 6 साल (3-3 साल के दो कार्यकाल) से ज्यादा किसी भी पद या अलग-अलग पदों में नहीं रह सकता। इसमें राज्य संघ या BCCI में 6-6 साल या दोनों को मिलाकर 6 साल शामिल थे। इसके बाद अनिवार्य रूप से 3 साल के कूलिंग ऑफ पीरियड पर जाना जरूरी था।