लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) में 2600 करोड़ के ईपीएफ घोटाले को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। अब श्रीकांत शर्मा ने अजय कुमार लल्लू को मानहानि का नोटिस भेजा है। उन्होंने 24 घंटे के भीतर उनसे माफी की मांग की है। मंत्री ने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
श्रीकांत शर्मा ने अपनी सफाई में कहा कि उनकी डीएचएफएल या सनब्लिंक कंपनी को हुए धन हस्तांतरण में कोई भूमिका नहीं रही है और उनकी भेंट भी उन कंपनियों के किसी अधिकारी से कभी नहीं हुई। वह सितंबर-अक्टूबर में ही नहीं बल्कि कभी विदेश यात्रा पर नहीं गए।
उन्होंने आगे कहा कि भविष्य निधि का प्रबंधन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसमें वह किसी पद पर नहीं हैं और इस कार्य में उनकी कोई भूमिका भी नहीं रही है। डीएचएफएल को धन हस्तांतरण करने का निर्णय उनके कार्यकाल का नहीं बल्कि पूर्व सरकार के समय का है।
ऊर्जा मंत्री ने साफ किया कि वह भविष्य में अपनी वाणी को लेकर विशेष सतर्कता बरतें। उनका आचरण न सिर्फ सार्वजनिक जीवन की मर्यादाओं के विपरीत था बल्कि समाज जीवन में शुचितापूर्ण ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले व्यक्ति के लिए मानहानिकारक था।