इस साल देश में होने वाले लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के साथ साथ समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं गौरतलब है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता तय करने के लिए हर राजनीतिक पार्टी को उत्तर प्रदेश के गलियारों से गुजरना पड़ता है उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल कितनी सीटें हैं जिन पर तकरीबन सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की नजर रहती है इसी कड़ी में हाल ही में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जो कि एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं ने गठबंधन का एलान कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। भले ही साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के हाथ जीतना लगी हुई। लेकिन इस वक्त इन दोनों पार्टियों के साथ आ जाने से भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें जरूर बढ़ गई हैं।
माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त सबसे मजबूत गठबंधन सपा और बसपा का है उसके साथ कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश में जीत हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए इस बार उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों पर बहुमत हासिल करना नामुमकिन माना जा रहा है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों को लेकर हाल ही में सर्वे किया गया है। जिसमें प्रदेश के लोगों के साथ बातचीत कर यह आंकड़े हासिल किए गए हैं कि वह किस पार्टी को अपना वोट देना चाहेंगी।
इन आंकड़ों से सामने आई जानकारी के मुताबिक इस वक्त सपा-बसपा गठबंधन को लोग सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं और अपना विश्वास दिखा रहे हैं। वहीं बीजेपी इस कड़ी में पीछे छूट गई है। सर्वे के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सपा बसपा गठबंधन 60 से ज्यादा लोकसभा सीटें हासिल करेगा। वही भाजपा को सिर्फ 9 सीटों तक सीमित किया गया है। इसके साथ कांग्रेस के लोकसभा सीटें लेकर जा सकती है। वही रालोद के हिस्से में सिर्फ 3 लोकसभा सीटें आएंगी। इसके साथ अन्य राजनीतिक दलों को 2 सीटें मिल सकती हैं।