साल 2007 में हैदराबाद की एक मशहूर मक्का मस्जिद में हुए ब्लास्ट मामले में 11 साल बाद आज कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। इस मामले में विशेष NIA अदालत ने आरोपी स्वामी असीमानंद समेत सभी 5 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। इस पूरी सुनवाई के दौरान 226 गवाहों से पूछताछ हुई और 411 कागजात पेश किए गए। फैसला सुनाने के लिए आरोपी असीमानंद को नमापल्ली कोर्ट में लाया गया था। स्वामी असीमानंद इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक थे।
कोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर बैठी हिन्दू भगवा ब्रिगेड ने ट्विटर पर #मक्का मस्जिद और #Aseemanand जैसे हैशटैग चला दिए हैं। जिसमें किए जा रहे हैं ट्वीट से पता चलता है की भगवा संगठनों के लिए असीमानंद कभी आरोपी नहीं बल्कि एक हीरो की तरह था।
आईये आपको बताएं ट्विटर पर भगवा समर्थक किस तरह से असीमानंद की आज़ादी की खबर के बाद उसके पक्ष में गवाहियां भर रहे हैं:
मक्का मस्जिद बम ब्लास्ट का आरोपी असीमानंद हुआ बरी। आतंकीयों /बलात्कारीयों के आ गये अच्छे दिन पापाचारी सरकार में कुछ गोदी मोडिया आज देश मे हो रहे अत्याचार की जगह असीमानन्द का ही गुणगान गाते हुवे महात्मा तक बोलते दिखाई देंगे क्योकि उन सब की आत्मा मर चुकी है चंद सिक्को के लिये।
मक्का मस्जिद में कोई आतंकी धमाका नहीं हुआ था। धमाके में कोई मासूम नहीं मारा गया था।
बहरहाल, कोर्ट के फैसले पर सवाल नहीं उठने चाहिए। कोर्ट का फैसला जांच एजेंसी द्वारा दिए सबूतों और जिरह के आधार पर होती है जो सरकार के जिम्मे है।
मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में स्वामी असीमानंद सहित सभी आरोपी बरी कर दिए गए, क्या तू और तेरी पार्टी हिन्दुओ को आतंकवादी कहने पर अब देश के सभी हिन्दुओ से माफी मांगेंगे?
2007 में हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट में असीमानंद समेत सभी 5 आरोपी बरी। कांग्रेस का हिन्दू आतंकवाद का एजेंडा हुआ फेल।
हिन्दू आतंक,का नाम करण करने वाला कोई और नही, आज़,मंदिर जानें वाला,पुराना हिन्दू विरोधी है।