लखनऊ (यूपी) : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को अगस्त और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य को नवम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिये है।
योगी ने शुक्रवार को पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, गंगा एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुये कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए इसे जुलाई-अगस्त तक पूरा किया जाए। उन्होने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के कार्यों को अक्टूबर-नवम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के कार्यों में तेजी लाते हुए इसे निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण कर सितम्बर-अक्टूबर तक इसका शिलान्यास करवाकर निर्माण कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के त्वरित एवं चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध है। विकास से पूरे प्रदेश में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और समाज में खुशहाली आएगी।
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उन्होने कहा कि इन चारों एक्सप्रेस-वे से आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन इकाइयों के साथ-साथ नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित किए जाने की सम्भावना बढ़ जाएगी। प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे के कार्यों के साथ-साथ दोनों तरफ जनसुविधाओं के विकास, पेट्रोल पम्प, रेस्टोरेण्ट इत्यादि को भी विकसित करने के निर्देश दिए, ताकि इन एक्सप्रेस-वे के संचालन के उपरान्त लोगों को असुविधा न हो।
योगी ने सभी एक्सप्रेस-वे पर निर्माण कार्य के साथ-साथ साइनेज की स्थापना और मार्ग प्रकाश की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। साथ ही, एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस पेट्रोलिंग और एम्बुलेंस इत्यादि की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों से एक्सप्रेस-वे गुजर रहे हैं, वहां की स्थानीय लोक कलाओं को पेण्टिंग के माध्यम से प्रदर्शित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों में लगी कम्पनियों को अपने-अपने पैकेज के अन्तर्गत आने वाले सभी गांवों के विद्यालयों में एक-एक स्मार्ट क्लास बनाने के लिए कहा जाए। उन्होंने सभी एक्सप्रेस-वे के इर्द-गिर्द सघन वृक्षारोपण के निर्देश देते हुए कहा कि इस कार्य में स्थानीय ग्राम वासियों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाए।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ से प्रारम्भ होकर बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर से होकर गुजरेगा। इसकी लम्बाई 340.824 किमी है। परियोजना की कुल भौतिक प्रगति 90 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो चुकी है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया एवं इटावा लाभान्वित होंगे। परियोजना की कुल भौतिक प्रगति लगभग 61 प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे से गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर तथा आजमगढ़ जनपद लाभान्वित होंगे। तीन जून तक क्लीयरिंग एण्ड ग्रबिंग 98 प्रतिशत एवं मिट्टी का कार्य 48.10 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। मेरठ से प्रारम्भ होकर प्रयागराज तक प्रस्तावित 594 किमी लम्बे गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न चुनौती के बावजूद निवेशकों ने राज्य सरकार की इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियों पर पूरा भरोसा जताते हुए निवेश के प्रस्ताव दिये हैं जिसे प्राथमिकता पर क्रियान्वित कराया जायेगा।
योगी ने अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को सभी निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए कार्ययोजना बनाकर उसका समयबद्ध और शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों का दायरा बढ़ाते हुए कोरोना काल खण्ड में प्राप्त निवेश प्रस्तावों को शीघ्रता से लागू कराया जाए। इसके लिए निवेशकों से सतत सम्पर्क बनाये रखते हुए उन्हें नीति के अनुरूप हर सम्भव सुविधा और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन्वेस्टर्स को अपने उद्यम की स्थापना करने में कोई असुविधा न हो।
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बैठक में यह जानकारी दी गयी कि कोरोना काल खण्ड में प्रदेश में अब तक 66 हजार करोड़ रुपये के 96 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन निवेश प्रस्तावों में से 18 निवेशकों की 16 हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही पूरी हो गयी है। निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन्वेस्ट यूपी के स्तर पर पिछले साल अप्रैल से डेडिकेटेड हेल्पडेस्क संचालित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को मेडिकल और इण्डस्ट्रियल आॅक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने मई में ‘उत्तर प्रदेश आक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2021’ लागू की है। इस नीति के आकर्षक प्राविधानों के परिणामस्वरूप आक्सीजन उत्पादन से जुड़ी अनेक प्रतिष्ठित कम्पनियों ने प्रदेश में आॅक्सीजन संयंत्र की स्थापना में रुचि दिखायी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इन कम्पनियों के शीर्ष प्रबन्धन से नियमित सम्पर्क में रहते हुए परियोजनाओं को स्थापित कराने के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान करें।
उन्होने कहा कि सभी लम्बित एमओयू के क्रियान्वयन के लिए सम्बन्धित विभाग प्रभावी कार्यवाही करें। राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा के साथ-साथ जिलास्तरीय उद्योग बन्धु की बैठक के माध्यम से निवेशकों की स्थानीय समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निराकरण किया जाए। मण्डल स्तरीय उद्योग बन्धु की बैठक में सम्बन्धित जिलो की कार्यवाही का प्रभावी अनुश्रवण किया जाए।