नई दिल्ली : किसान संगठनों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली ने झड़प का रूप ले लिया था, इसमें 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं साथ ही इस घटना को लेकर 22 केस दर्ज किए गए हैं.
कई स्थानों पर पुलिस और किसानों की झड़प हुई, हालात को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, घटना में कई पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
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द्वारका जिले के मोहन गार्डन थाने के एसए एसएचओ बलजीत सिंह को भी दोनों ही हाथों में चोट लगी है, वो मंगलवार की घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे.
एसएचओ बता रहे है कि कल मैं अपने स्टाफ के साथ डयूटी पर था नजफगढ़ रोड़ पर, वहां हमारी डयूटी थी, प्रदर्शनकारियों किसानों को दिल्ली मे घुसने से रोकने का आदेश मुझे मिला था.
हमने बैरीकेट्स क्रेन लगाकर रास्ता रोक रखा था, करीब 3 बजे कई किसान ट्रैक्टर लेकर नजफगढ़ की तरफ से आ गए, वो काफी हिंसक थे, किसानों ने बैरीकेटिंग तोड़ दी और जेसीबी को काबू में कर लिया.
हालात को कंट्रोल में करने के लिए हमने आंसू गैस चलाई,लेकिन वो इतने हिंसक थे कि उन्हें रोक पाना मुश्किल था, उनके पास हर तरह का हथियार था कुछ ने शराब भी पी रखी थी.
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लोकनायक अस्पताल के मेडिकल अफसर डॉ, सुरेश कुमार ने बताया था कि कल ट्रैक्टर परेड में घायल कुल 86 लोगों को अस्पताल लाया गया था, इनमें इसमें 74 पुलिसकर्मी और 12 प्रदर्शनकारी थे.
86 लोगों में से अकेले 22 लोक नायक अस्पताल में जबकि 64 सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए लाए गए थे.
सुरेश कुमार ने बताया कि बुधवार को फिलहाल 5 एडमिट हैं, बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है, फिलहाल भर्ती पांच में से तीन पुलिस वालों को हेड इंजुरी और फ्रैक्चर की समस्या है.