जेएनयू की पूर्व छात्रा और जम्मू-कश्मीर पीपल्स मूवमेंट की नेता शेहला रशीद फिर विवादों में आ गई हैं. इस बार वजह बनी हैं शेहला की ओर से कश्मीर में नाकाबंदी के दौरान अत्याचार का आरोप लगाते हुए किए गए ट्वीट. उनके खिलाफ इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने सोमवार को पुलिस में शिकायत भी दर्ज की. लेकिन एक दिन बाद शेहला ने कहा है कि वो अपनी बात पर कायम हैं और इसका सबूत भी सरकार और सेना को सौंप देंगी. शेहला ने साथ ही सवाल के लहज़े में कहा कि अगर मेरे आरोप
‘सेना को इस मामले की निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए’
सोमवार को शेहला रशीद ने एक बार फिर से ट्वीट किए और अपने पुराने ट्वीट पर हुए विवाद पर अपना पक्ष रखा। शेहला रशीद कहा कि कश्मीर को लेकर मैंने जितने भी ट्वीट किए हैं उसके तथ्य लोगों से बातचीत पर आधारित हैं। सेना को इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करवानी चाहिए। अगर सेना ऐसा करती है तो जिन बातों का जिक्र मैंने किया है सबकी जानकारी देने को तैयार हूं। सभी घटनाओं का विवरण उनके साथ साझा करने के लिए इच्छुक हूं।
बता दें कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा शेहला रशीद के खिलाफ कश्मीर में हिंसा भड़काने की कोशिश और राष्ट्रदोह का मामला दर्ज किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शेहला रशीद के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज करवाया है। भारतीय सेना और भारत सरकार पर आपत्तिजनक आरोप लगाने और फर्जी खबर फैलाने के आरोप में शेहला की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। इस केस को अब स्पेशल सेल को ट्रांसफर कर लिया गया है।
शेहला पर भारतीय सेना की छवि को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करने का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता ने शेहला पर आरोप लगाया है कि वो भारत को वैश्विक स्तर पर नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही शेहला रशीद लगातार ट्विटर पर सक्रिय हैं। रविवार को शेहला ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए दावा किया कि कश्मीर में हालात चिंताजनक है, सेना और पुलिस के लोग आम नागरिकों के घर में घुस रहे हैं और उन्हें सता रहे हैं, उन्होंने शोपियां में सुरक्षाबलों द्वारा कुछ लोगों को जबरन हिरासत में लेने और टॉर्चर करने का आरोप भी लगाया। वहीं सेना की ओर से शेहला के आरोपों का जोरदार खंडन किया गया है।