नई दिल्ली: देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। इस बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि अगले दो महीने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम हैं। हाल ही में केंद्र सरकार ने आर्थिक मंदी से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमे कई बैंकों के विलय का भी ऐलान किया गया है। स्टेट बैंक के चेयरमैन ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है।
रजनीश कुमार ने कहा कि अगर हम ऑटोमोबाइल सेक्टर की हालत देखें तो, आज मैंने किया मोटर्स की बिक्री की रिपोर्ट के बारे में पढ़ा जोकि काफी अच्छा बिजनेस कर रही है। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में काफी कुछ हो रहा है। लोगों के दिमाग में बदलते माहौल को लेकर काफी कुछ चल रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी दो महीने अक्टूबर और नवंबर माह देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम हैं। उन्होंने कहा कि पीएसयू बैंकों को एकीकृत करने का फैसला 25 वर्ष पहले लिया गया था, इसे होना ही था। अगर इसे बेहतर टीम के साथ लागू किया जाए तो मंदी से काफी हद तक निपटा जा सकता है।
इससे पहले रविवार को एक वीडियो बयान जारी करके मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत काफी चिंताजनक है, आखिरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी है, जो इस बात का इशारा करती है कि हम बड़ी आर्थिक मंदी की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि अगले दिन मंगलवार को सरकार की ओर से मनमोहन सिंह के बयान को खारिज कर दिया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि हम मनमोहन सिंह के विश्लेषण का हम समर्थन नहीं करते हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि मनमोहन सिंह के समय देश की अर्थव्यवस्था 11वें पायदान पर थी, जबकि अब हम पांचवे स्थान पर पहुंच गए हैं।
पांच फीसदी पर पहुंची जीडीपी
सरकार की ओर से शुक्रवार को जो आंकड़ा जारी किया गया है उसके अनुसार भारत की तीमाही जीडीपी पांच फीसदी पर पहुंच गई है, जोकि पिछले वर्ष इसी तिमाही में 5.8 फीसदी थी। मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछली तिमाही में जीडीपी 5 फीसदी पर पहुंच गई है, जोकि इस बात को दर्शाती है कि देश में गहरी आर्थिक मंदी है।