शिवसेना के उद्धव गुट के नेता संजय राउत को मनी लांड्रिंग केस में राहत नहीं मिली है। संजय राउत की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए फिर से बढ़ा दी गई है। राउत पर पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित तौर पर वित्तीय अनियमितताएं बरतने का आरोप है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आज उनकी न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है।
गौरतलब है कि वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी का आरोप है कि चॉल पुनर्विकास या गोरेगांव में किराए का घर दिलाने के नाम पर 1,034 करोड़ रुपये की अनियमितता की गई और इससे जुड़े पैसों के लेनदेन में कथित तौर पर राउत की पत्नी और उनके सहयोगी संलिप्त हैं।
ED ने उपनगरीय गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में वित्तीय अनियमितताओं में कथित भूमिका के लिए इस साल जुलाई में राज्य सभा सदस्य संजय राउत को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं और मध्य मुंबई की आर्थर रोड जेल में हैं। उन्होंने पिछले महीने जमानत मांगी थी, जिसका ईडी ने विरोध किया था।
राउत की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी ने अदालत को बताया था कि उन्होंने पात्रा चॉल पुनर्विकास से मनी लॉड्रिंग मामले में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उन्होंने पर्दे के पीछे से काम किया। ईडी ने राउत की इस दलील का भी खंडन किया था कि उनके खिलाफ कार्रवाई किसी द्वेष या राजनीतिक प्रतिशोध के चलते की गई है।