शिवसेना गुट के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत को पात्रा चॉल घोटाले में मुंबई की कोर्ट ने राहत देते हुए उन्हें जमानत दे दी है। मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद उन्हें राहत देते हुए जमानत दी। संजय राउत एक अगस्त से गिरफ्तार किए गए थे। राउत पर पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित तौर पर वित्तीय अनियमितताएं बरतने का आरोप है।
विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने बुधवार को फैसला सुनाया। मुंबई के उत्तरी उपनगरीय इलाके में पात्रा चॉल प्रोजेक्ट के मामले में ईडी जांच कर रही है। जांच के दौरान उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। 31 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और ई़डी की हिरासत में 8 दिन बिताने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
ईडी की चार्जशीट के मुताबिक सोसाइटी और MHADA के साथ किए गए समझौते के अनुसार उन्हें 672 किरायेदारों का पुनर्वास कर सभी के लिए 767 वर्ग फुट के फ्लैट का निर्माण करना था। इसके लिए MHADA को 111467.82 वर्ग मीटर का एक क्षेत्र दिया गया था। बदले में जमीन पर मुफ्त बिक्री घटक विकसित करने और थर्ड पार्टी के खरीदारों को फ्लैट बेचने का हकदार था।
हालांकि, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने अपना दायित्व पूरा करने से पहले एफएसआई को बेच दिया। FSI को GACPL द्वारा थर्ड पार्टी डेवलपर्स को 1034 करोड़ रुपये में बेचा गया था।