लखनऊ: नागरिक संशोधन बिल को लेकर विपक्षी पार्टियों का विरोध सामने आ रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि वह नागरिक संशोधन बिल 2019 के खिलाफ हैं और समाजवादी पार्टी हर कीमत पर इसका विरोध करेगी।
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि न किसान की आय दुगनी हुई, न गंगा साफ़ हुई, न अर्थव्यवस्था में सुधार लाए, न काला धन वापस लाए, न नौकरियां लाए, न बेटियों को बचा पाए, न विकास कर पाए, मैंने पहले कहा था इनकी राजनीति ध्यान हटाने और समाज बांटने की है। #CitizenshipBill भारत का और संविधान का अपमान है।
बता दें इससे पहले बसपा के सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा है कि नागरिक संशोधन बिल (CAB) के मुद्दे पर बहुजन समाज पार्टी संसद के दोनों सदनों में विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि यह बिल भारत के सविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के लिखित संविधान के खिलाफ है। इसलिए बिल का बहुजन समाज पार्टी विरोध करेगी।
लोकसभा में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा: देश में बेरोजगारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर पर है। अभी की आर्थिक सुस्ती को देखते हुए क्या सरकार ऐसा डेटाबसे बना सकती है, जिससे पता चले कि जिसने एजुकेशन लोन लिया है उसे रोजगार मिला या नहीं।
जानें क्या है नागरिकता संशोधन बिल
नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों को बदलने के लिए पेश किया जा रहा है, जिससे नागरिकता प्रदान करने से संबंधित नियमों में बदलाव होगा। नागरिकता बिल में इस संशोधन से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं के साथ ही सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों के लिए बगैर वैध दस्तावेजों के भी भारतीय नागरिकता हासिल करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
बता दें, नागरिकता संशोधन बिल को राज्यसभा में पेश कराने के बाद सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में पेश करने जा रहे हैं। भाजपा की तरफ से अपने सासदों को व्हीप भी जारी किया गया है।