नई दिल्ली : दैनिक इन्किलाब उर्दू के नेशनल ब्यूरो चीफ़ मुमताज़ आलम रिज़वी का उज़्बेकिस्तान दौरे के दौरान लिखा गया यात्रा वृतांत (सफर नामा) तैमूर के देश में पुस्तक का विमोचन बस्ती निज़ामुद्दीन स्तिथ ग़ालिब अकेडमी में अमल में आया.
आलमी उर्दू ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में दिल्ली की शाही जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी और नायब इमाम शाबान बुखारी ने हिस्सा लिया.
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इस अवसर पर शाही मस्जिद फ़तेह पूरी के इमाम डाक्टर मुफ़्ती मुकर्रम अहमद, पद्म प्रो. अख्तरुल वासे, पूर्व राजदूत मीम अफ़ज़ल, पूर्व सांसद शहीद सिद्दीक़ी, ए रहमान, पूर्व सांसद सालिम अंसारी, इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के अध्यक्ष सिराजुद्दीन कुरैशी, क़ौमी कौंसिल बराये फरोगे उर्दू के डाइरेक्टर शैख़ अक़ील अहमद, ग़ालिब अकेडमी के सचिब डॉकटर अक़ील अहमद, फ़ारुक़ अरगली, एमएलसी खालिद अनवर, इन्किलाब (नार्थ इंडिया) के एडिटर शकील हसन शम्सी आदि मौजूद थे.
अपनी संबोधन में शाही इमाम अहमद बुखारी ने कहा की डाक्टर मुमताज़ आलम रिज़वी का सफर नामा तैमूर के देश में एक यात्रा वृतांत ही नहीं बल्कि अपने आप में वहाँ की बोलती तस्वीर है जिसको पढ़ने के साथ साथ उज़बेकिस्तान के बारे में और भी अधिक जानने का दिल चाहता है.
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इन के अतरिक्त सभी अहम लोगों ने डॉक्टर मुम्ताज़ आलम रिज़वी के सफर नामे अपने विचार वयक्त किये और कहा की इस प्रकार के यात्रा वर्तान्त से किसी भी देश का जीवंत वर्णन किया जाना एक बड़ी बात है और इस के लिए मुम्ताज़ आलम रिज़वी बधाई के पात्र हैं.
कार्यक्रम में अलखदम ग्रुप के चेयर मेन शाह जमाल, अंजुमन फलाहे हुज्जाज के अध्यक्ष हाजी ज़हूर अटेची वाले, मुस्तक़ीम खान, मजीद निज़ामी, खिसाल मेहदी, मौलाना जलाल हैदर नक़वी, जावेद कमर, शलीम शीराज़ी, हाफिज जावेद आदि उपस्तिथ थे.