जयपुर: हाल ही में राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष पद की कमान संभालने वाले सतीश पूनिया ने कहा कि, संघ (आरएसएस) केवल देश नहीं, दुनिया के दिशा देने की ताकत रखता है। आज भारत माता की जयकार गूंजती है, वंदे मातरम जो गूंजता है, तिरंगे को मान मिलता है, उसमें संघ का बड़ा योगदान है। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में शनिवार को सतीश पूनिया को राजस्थान की कमान सौंपी हैं। पूनिया वर्तमान में जयपुर जिले की आमेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
रविवार को भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर मीडिया से बातचीत में राष्ट्रनिर्माण में संघ की भूमिका पर उन्होंने कहा कि अगर संघ नहीं होता तो शायद देश नहीं होता। सबको पता है देश का विभाजन किसने कराया है, लेकिन संघ ने राष्ट्रीयता की भावना और संस्कारों की अलख जगाई है। संघ से राष्ट्रीय स्वाभिमान की धमक पूरी दुनिया में बढ़ी हैं।
मालूम हो कि कल भाजपा ने बिहार में पूर्वी चंपारण से सांसद डॉ. संजय जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। यहां नित्यानंद राय के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद नया अध्यक्ष मिलना तय माना जा रहा था। राजस्थान में आमेर से सांसद सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। यहां मदनलाल सैनी के निधन के बाद पद खाली चल रहा था। शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने संगठनात्मक नियुक्ति के संबंध में पत्र जारी किए हैं।
राजस्थान : सतीश पूनिया की लो-प्रोफाइल जाट नेता के तौर पर पहचान
राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तीन नामों को लेकर काफी दिन से मंत्रणा चल रही थी। इनमें पूनिया के अलावा, सांसद राज्यवर्धन राठौड़्र, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ शामिल थे। पूनिया लो-प्रोफाइल जाट नेताओं में गिने जाते हैं। भाजपा सूत्रों की मानें तो राजस्थान में राजपूत जाति से गजेंद्र सिंह और अर्जुनराम मेघवाल को केंद्र में मंत्री बनाने के बाद सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से ब्राह्मण और जाट नेताओं में से प्रदेशाध्यक्ष चुनने पर मन्थन चल रहा था। अंतत: जाट नेता के तौर पर पूनिया ने बाजी मार ली। पूनिया लगातार 14 साल तक भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे हैं। राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष मदनलाल सैनी का 24 जून को निधन होने के बाद से यह पद खाली था। अक्टूबर और नवंबर में राजस्थान के नगरीय निकायों के चुनाव हैं।