आज के समय में लोगों को सबसे बड़ी परेशानी रोज़गार की वजह से होती है. चंद लोग तो अल्लाह के करम से बड़े खुशहाल है और अच्छी ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं लेकिन ज्यादा तर वह लोग हैं जिनकी माली हालत ठीक नहीं है. कहने का मतलब यह है कि तमाम लोग रिज्क के लिए ज़द्दोजहद कर रहे हैं. आपको बता दें रिज्क खुदा अपने खज़ाने से अतः फरमाते हैं.
क्योंकि अल्लाह ने यह बात बता दी है कि खुदा रोज़ी के ज़िम्मेदार हैं मतलब रिज्क खुदा के खज़ाने से मिलता है. तो हमें इस बात का पक्का यकीन होना चाहिए. अब हम कहते हैं कि हम मजदूरी करते हैं यह कहीं कोई नौकरी करते हैं तो रोज़ी मिलती है. तो कहने का मतलब यह है कि खुदा ने असबाब हासिल करने का खुदा ने खुद हुक्म दिया है. कुदरत का कानून या निजाम भी यही है. इसलिए काम करने के साथ साथ आपको खुदा पर यकीन करना है.
अब बड़ा सवाल यह है कि खुदा से किस तरह से माँगा जाए. अल्लाह वालों ने कई तरीका बताया है, जिसकी वजह से रिज्क आता है. एल उलेमा ने बताया है कि रात में ईशा की नमाज़ के बाद या सोने से पहले एक वक़्त अकेले में बैठ जाए तो सर से पगड़ी या टोपी उतार दें. ऐसा आप किसी अकेले में बैठ कर कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि इस दौरान आपका सर पूरी तरह से खुला होना चाहिए और उस पर कुछ भी नहीं होना चाहिए.
नमाज़ पढने वाली टोपी भी नहीं होनी चाहिए.बाद इसके आपको महज़ 11 बारह यह पढ़ना है. जानने के लिए देखें यह वीडियो और बाकी के मुसलमान भाइयों को भी इसकी जानकारी दें ताकि वह भी यह अमल कर सकें और उनकी ज़िन्दगी में भी खुशहाली आ सके. ज़रूर देखें यह पूरा वीडियो और आगे भी बाधाएं.